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अंतरराज्यीय ठग गिरोह का भंडाफोड़, क्राइम ब्रांच ने 2 को किया गिरफ्तार

Updated on: 10 July, 2024 08:11 AM IST | Mumbai
Samiullah Khan | samiullah.khan@mid-day.com

ट्रैवल कार्ड और करेंसी कार्ड बनाने के बहाने आरोपी लोगों के मोबाइल फोन, डॉलर और डेबिट कार्ड भी हासिल कर लेते थे, फिर फरार हो जाते थे और बाद में कार्ड का इस्तेमाल कर उनके बैंक खाते खाली कर देते थे.

आरोपी पुलिस हिरासत में

आरोपी पुलिस हिरासत में

Bandra GRP crime branch News: बांद्रा जीआरपी क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया है जो रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड पर यात्रियों को ठगता था. गिरोह के काम करने के तरीके में यात्रियों को यह विश्वास दिलाना शामिल था कि विदेश से डॉलर लेकर यात्रा करने वालों के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत विशेष रेलवे और बस कार्ड अनिवार्य है. वे यात्रा के लिए इसे जरूरी बताते हुए प्रति कार्ड 10,000 रुपये वसूलते थे. ट्रैवल कार्ड और करेंसी कार्ड बनाने के बहाने आरोपी लोगों के मोबाइल फोन, डॉलर और डेबिट कार्ड भी हासिल कर लेते थे, फिर फरार हो जाते थे और बाद में कार्ड का इस्तेमाल कर उनके बैंक खाते खाली कर देते थे. गिरोह के पीड़ितों में से एक मर्चेंट नेवी कर्मचारी दीपक ठाकुर को पिछले महीने मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर निशाना बनाया गया था. ठाकुर मिस्र से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे और स्वर्ण मंदिर ट्रेन में सवार होने के लिए मुंबई सेंट्रल स्टेशन गए. आरोपियों ने कथित तौर पर उनसे 2,500 डॉलर ठग लिए. उनकी शिकायत के बाद जीआरपी अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में जांच शुरू की.


बांद्रा जीआरपी के वरिष्ठ निरीक्षक अरशुद्दीन शेख और पुलिस निरीक्षक रोहित सावंत की देखरेख में एपीआई अभिजीत भूपेंद्र टेलर और उनकी टीम ने जांच शुरू की. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों का पता लगाया, जिससे गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी हुई. गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से पुलिस ने लगभग 3.04 लाख रुपये की नकदी और कीमती सामान बरामद किया, जिसमें डॉलर भी शामिल हैं. आरोपियों की पहचान 32 वर्षीय नजरुल जमशेद अली शेख और 34 वर्षीय इकबाल उर्फ सद्दाम मुश्ताक खान के रूप में हुई है. शेख पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, जबकि खान यूपी का रहने वाला है. पूछताछ के दौरान जीआरपी ने कुर्ला, ठाणे, दादर और सीएसएमटी स्टेशनों पर दर्ज मामलों की कार्यप्रणाली से ऐसे ही मामलों को सुलझाया. कार्यप्रणाली उनकी योजना यात्रियों को निशाना बनाती है, जिसमें दावा किया जाता है कि नए सरकारी नियम के तहत ट्रेन यात्रा के लिए विशेष कार्ड की आवश्यकता होती है. गिरोह का एक सदस्य लक्ष्य को सूचित करता है, जबकि दूसरा यात्री होने का दिखावा करता है, जिस पर कार्ड न होने के कारण जुर्माना लगाया गया था. दूसरा सदस्य 10,000 रुपये का भुगतान करता है और एक नकली कार्ड प्राप्त करता है, जिससे लक्ष्य को भी ऐसा ही करने के लिए राजी किया जाता है. इसके बाद गिरोह पैसे लेकर गायब हो जाता है.


उन्होंने ठाकुर पर भी यही रणनीति अपनाई, उसके डॉलर ले लिए और एक बैग छोड़ दिया, और कार्ड के साथ वापस आने का वादा किया. लंबे इंतजार के बाद, ठाकुर को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसने पुलिस से संपर्क किया. गिरोह अक्सर अपना ठिकाना बदलता रहता है और रेलवे टिकट काउंटर, स्टेशनों और बस स्टैंड पर सक्रिय रहता है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा रिकॉर्ड के जरिए उन्हें ट्रैक किया और गिरफ्तार किया. वे अब अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं.


एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से डॉलर और भारतीय मुद्रा सहित नकदी और लगभग 3,04,720 रुपये मूल्य के कीमती सामान बरामद किए हैं. हम फिलहाल गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रहे हैं.’

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