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मुंबई में 17 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Updated on: 27 March, 2025 04:07 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गोपनीय सूचना के आधार पर शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने 24 मार्च, 2025 को एक जाल अभियान में आठ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा.

मुंबई पुलिस ने शहर में अवैध रूप से रहने के आरोप में 17 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है.

मुंबई पुलिस ने शहर में अवैध रूप से रहने के आरोप में 17 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है.

मुंबई पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में 17 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, क्योंकि वे भारतीय नागरिकता का सबूत नहीं दे पाए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तारियां शिवाजीनगर और आरसीएफ पुलिस ने की हैं, जो अब आगे की जांच कर रही हैं. गोपनीय सूचना के आधार पर शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने 24 मार्च, 2025 को एक जाल अभियान में आठ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा. 

रिपोर्ट के मुताबिक उनके खिलाफ पास (भारत में प्रवेश) नियम 1950 और विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. 25 मार्च को, आरसीएफ पुलिस ने इसी तरह की गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के बाद चार पुरुषों और पांच महिलाओं सहित नौ और व्यक्तियों को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान, यह पुष्टि हुई कि वे भी बांग्लादेशी नागरिक थे. 


पुलिस ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रहने के लिए इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है, और उनके ठहरने और गतिविधियों की पूरी सीमा निर्धारित करने के लिए वर्तमान में जांच चल रही है. रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में गृह मंत्रालय ने देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों से जुड़े मामलों की व्यापक जांच करने का आह्वान किया है.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में हुई बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के मामलों को अम्ब्रेला केस के रूप में देखने और उन व्यक्तियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्होंने इन प्रवासियों के लिए आधार और नागरिकता से जुड़े अन्य कागजात सहित दस्तावेज हासिल करने में अवैध प्रवासियों की मदद की है. अधिकारी ने आगे बताया कि कुछ मामलों में यह पाया गया कि दस्तावेज यूरोपीय देशों या मध्य पूर्व की यात्रा के उद्देश्य से तैयार किए गए थे और व्यक्ति लंबे समय तक भारत में नहीं रहे. रिपोर्ट के मुताबिक जांच अधिकारियों को उन लोगों की पहचान करने का भी निर्देश दिया गया है, जिन्होंने अवैध प्रवासियों को दस्तावेज बनाने में मदद की और उन्हें मामले में आरोपी बनाया. जांच में इन दस्तावेजों को बनाने में इस्तेमाल की गई खामियों को उजागर करने पर भी ध्यान दिया जाएगा.

सभी संदिग्ध आधार कार्डों को फिर से सत्यापन के लिए भेजा गया है, जिसमें आधार बनाने के लिए जमा किए गए दस्तावेजों की विस्तृत जांच शामिल है. आधार अधिकारियों के साथ बैठक में सभी आधार केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्हें कोई व्यक्ति संदिग्ध दस्तावेजों पर आधार संशोधित करने या बनाने की कोशिश करता हुआ मिले तो वे पुलिस को सूचित करें. यदि व्यक्तियों के अवैध बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हो जाती है, तो उन्हें हिरासत केंद्र में रखा जाएगा और प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए एफआरआरओ को सूचित किया जाएगा.


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