Updated on: 17 December, 2024 07:48 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अधिकारी ने बताया कि उन्होंने 700 किलोग्राम गोमांस और 70,000 रुपये मूल्य के एक गोजातीय पशु के कटे हुए अंग जब्त किए. उन्होंने बताया कि कार चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
प्रतीकात्मक छवि
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में अवैध रूप से गोमांस ले जाने के आरोप में पुलिस ने 31 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. मंगलवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उल्हासनगर संभाग के हिल लाइन पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रविवार को अंबरनाथ के दवलपाड़ा इलाके में एक कार देखी और संदेह के आधार पर उसे रोका. अधिकारी ने बताया कि उन्होंने 700 किलोग्राम गोमांस और 70,000 रुपये मूल्य के एक गोजातीय पशु के कटे हुए अंग जब्त किए. उन्होंने बताया कि कार चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि कार में सवार तीन अन्य लोग भाग गए. अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अभी भी जांच कर रही है कि आरोपी को गोमांस कहां से मिला. महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 1995 के तहत मवेशियों का वध अवैध है.
इससे पहले, सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो सामने आया था, जिसमें ट्रेन यात्रियों के एक समूह ने 72 वर्षीय एक बुजुर्ग पर गोमांस ले जाने के संदेह में हमला किया था. इस घटना के बाद ठाणे सरकारी रेलवे पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस के अनुसार, यह घटना 28 अगस्त को धुले-सीएसटी एक्सप्रेस ट्रेन में हुई थी, जब पीड़ित अशरफ अली सईद हुसैन, चालीसगांव का निवासी था और अपनी बेटी से मिलने के लिए जलगांव से कल्याण जा रहा था. पुलिस का दावा है कि लड़ाई एक सीट को लेकर शुरू हुई थी, लेकिन वायरल वीडियो में कथित तौर पर समूह हुसैन से पूछ रहा है कि उसके पास जो प्लास्टिक के जार हैं, उनमें क्या है. क्लिप में, जब वह उन्हें बताता है कि यह भैंस का मांस (भैंस, जो कानूनी रूप से अनुमत है) है, तो हमलावर जोर देकर कहते हैं कि यह गोमांसहै.
हुसैन ने कहा कि समूह ने उसके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और उनमें से कुछ ने उसकी पिटाई की. उन्होंने अपने सेल फोन पर घटना को फिल्माया भी, "एक पुलिस अधिकारी ने कहा. जीआरपी आयुक्त रवींद्र शिसवे ने मिड-डे को बताया, "हमारे अधिकारियों ने वरिष्ठ नागरिकों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने शुरू में अपना फोन बंद कर दिया था. इसके बाद हमने उसे कल्याण में उसकी बेटी के घर से ढूंढ निकाला. उसका दावा है कि कम से कम पांच लोगों ने उस पर हमला किया. हमारी प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बहस सीट शेयरिंग को लेकर शुरू हुई थी. धुले की स्थानीय पुलिस की मदद से हमने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. एक अन्य आरोपी का पता लगाने के लिए आगे प्रयास जारी हैं.”
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