Updated on: 09 December, 2023 12:45 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
गोरेगांव (पश्चिम) में मृणाल ताई गोरे पुल के पास स्थित अस्मि इंडस्ट्रियल एस्टेट में सुबह 11.02 बजे अचानक आग लग गई.
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Mumbai Fire Breaks: मुंबई के गोरेगाव से बड़ी खबर सामने आ रही है. आज यानी शनिवार सुबह छह मंजिला इमारत में आग लग गई. खबर के अनुसार, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा- गोरेगांव (पश्चिम) में मृणाल ताई गोरे पुल के पास स्थित अस्मि इंडस्ट्रियल एस्टेट में सुबह 11.02 बजे अचानक आग लग गई. इसके बाद स्थानीय लोगों ने इस घटना की सूचना बीएमसी के मुंबई फायर ब्रिगेड (एमएफबी) ने दी. इस बारे में जानकारी देते हुए नगर निकाय ने बताया- `यह `स्तर-एक` की आग थी, जो छह मंजिला इमारत की तीसरी मंजिल पर तीन से चार दुकानों में लगी थी.`
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मुंबई फायर ब्रिगेड, पुलिस और नागरिक अधिकारियों सहित आपातकालीन सेवाओं ने पानी के टैंकरों और एम्बुलेंस के साथ तुरंत संपर्क किया. नगर निकाय ने इस बात की भी जानकारी दी कि `किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।` आपको बता दें, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को अग्नि सुरक्षा नियमों और विनियमों के कार्यान्वयन पर अपने पैर खींचने के लिए महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथ लिया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि मुंबई में क्या हो रहा है हर दूसरे दिन आग लगने की घटना सामने आ रही है, जिसमें लोगों की जान चली जाती है.
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने कहा कि `मुंबई में जिस तरह की परिस्थिति चल रही है वह बहुत गंभीर है. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कोई भी ढिलाई स्वीकार नहीं की जा सकती।` सीजे उपाध्याय ने बताया कि `आए दिन के साथ आग लगने की घटनाएं बढ़ती दिख रही हैं. इस शहर में हर दूसरे दिन आग लगने की घटना सामने आ रही है और लोगों के जान गंवाने की खबरें आती रहती है. अदालत ने कहा `ऐसा नहीं होना चाहिए, क्या हम यहां महाराष्ट्र सरकार को हर कार्रवाई के लिए संकेत देने के लिए बैठे हैं? क्या यही कोर्ट का काम है? यह सब क्या हो रहा है?` सीजे उपाध्याय ने हाल ही में दक्षिण मुंबई में एक चार मंजिला आवासीय इमारत में हुई आग की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जहां 82 वर्षीय महिला और उसके 60 वर्षीय बेटे की जान चली गई।
सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने अदालत को बताया- `पिछले साल गठित एक विशेषज्ञ समिति ने फरवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. (पीटीआई से इनपुट्स के साथ)
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