Updated on: 21 May, 2025 06:23 PM IST | Mumbai
Rajendra B. Aklekar
ऑटोरिक्शा चालक मालिक संघ, संयुक्त कार्रवाई समिति महाराष्ट्र के संबद्ध संगठनों के माध्यम से राज्य के सभी आरटीओ कार्यालयों के बाहर आंदोलन किया गया और इस मुद्दे पर सरकार को एक बयान दिया गया.
महाराष्ट्र में ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग सेवा के परमिट रद्द करने की मांग को लेकर शनिवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
महाराष्ट्र में ऑटो चालकों ने बुधवार को ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग को महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा दिए गए परमिट के खिलाफ आरटीओ कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि ई-बाइक को दी गई अनुमति तुरंत रद्द की जाए. ऑटोरिक्शा चालक मालिक संघ, संयुक्त कार्रवाई समिति महाराष्ट्र के संबद्ध संगठनों के माध्यम से राज्य के सभी आरटीओ कार्यालयों के बाहर आंदोलन किया गया और इस मुद्दे पर सरकार को एक बयान दिया गया.
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ऑटो रिक्शा मालिक चालक संगठन के शशांक शरद राव ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के नाम पर ई-बाइक टैक्सियों को अनुमति देने का फैसला किया है. हमारे संगठन ने ई-बाइक टैक्सियों को लाने का फैसला करने के लिए राज्य द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष लाइसेंस का विरोध किया और इसके कारणों को पैनल के सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया. महाराष्ट्र सरकार को ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग सेवा की अनुमति देने से पहले हमारे संगठन के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए थी. हालांकि, सरकार ने एकतरफा फैसला लेते हुए ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग की अनुमति दे दी. अगर ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग शुरू होती है, तो महाराष्ट्र में 1.5 मिलियन ऑटोरिक्शा चालकों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी."
उन्होंने कहा कि आज 21 मई को ऑटो रिक्शा चालक संघ संयुक्त कार्रवाई समिति महाराष्ट्र के सभी संबद्ध संगठनों द्वारा महाराष्ट्र के मुंबई, कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा और खानदेश के शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में आरटीओ कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया गया और महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग सेवा को दी गई अनुमति को तत्काल रद्द करने की मांग की और सरकार को एक ज्ञापन सौंपा.
महाराष्ट्र में ई-बाइक टैक्सी/बाइक पूलिंग सेवा को सरकार द्वारा दी गई अनुमति को रद्द करने के लिए शनिवार से सभी ऑटोरिक्शा चालकों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि सभी ऑटोरिक्शा चालकों का हस्ताक्षरित बयान 15 जून तक सरकार को सौंप दिया जाएगा. यदि राज्य सरकार 25 जून तक संबंध में सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन की आगे की दिशा तय की जाएगी.
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