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सोलापुर हमले के बीच बावनकुले ने किया बड़ा खुलासा

Updated on: 15 July, 2025 05:24 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

दीपक काटे, सोलापुर जिले में संभाजी ब्रिगेड के नेता प्रवीण गायकवाड़ पर हमला करने का आरोपी है.

चन्द्रशेखर बावनकुले. तस्वीर/फ़ाइल तस्वीर

चन्द्रशेखर बावनकुले. तस्वीर/फ़ाइल तस्वीर

महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में उथल-पुथल के बीच, महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने दीपक काटे को बचाने के लिए कोई कॉल नहीं की थी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार दीपक काटे, सोलापुर जिले में संभाजी ब्रिगेड के नेता प्रवीण गायकवाड़ पर हमला करने का आरोपी है. बावनकुले ने अपनी सफाई देते हुए यह भी कहा कि उसके कॉल रिकॉर्ड की पुष्टि की जा सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक विधायक चंद्रशेखर बावनकुले सोशल मीडिया पर काटे के साथ अपनी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद विवादों में हैं. यह घटना रविवार को सोलापुर जिले में गायकवाड़ के साथ हुई मारपीट के दौरान हुई. यह भी बताया गया है कि स्वामी समर्थ, जिन्हें श्री दत्तात्रेय का अवतार माना जाता है, पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने अक्कलकोट गाँव में उन पर स्याही फेंकी थी.


राज्य विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा, "मेरे खिलाफ झूठी जानकारी नहीं फैलाई जानी चाहिए. अगर ज़रूरत पड़ी, तो मेरे फ़ोन के कॉल डेटा रिकॉर्ड की जाँच की जा सकती है ताकि यह साबित हो सके कि मैंने दीपक काटे को बचाने के लिए कोई कॉल नहीं की थी." रिपोर्ट के अनुसार राज्य के राजस्व मंत्री ने गायकवाड़ पर हमले की निंदा करते हुए कहा, "प्रवीण गायकवाड़ से हमारी असहमति हो सकती है, लेकिन उन पर हुए कायराना हमले की निंदा की जाती है. हमने इसका समर्थन नहीं किया. किसी भी आरोपी को कानूनी कार्रवाई से बचाना भाजपा के स्वभाव में नहीं है. एक आरोपी तो आरोपी ही होता है, चाहे उसकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो."


सोलापुर में हुए हमले का एक वीडियो, जो रविवार को वायरल हुआ, उसमें गायकवाड़ को उनकी कार से बाहर निकाला गया और लोगों के एक समूह द्वारा उन पर हमला किया गया.  पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि गायकवाड़ कथित तौर पर छत्रपति संभाजी महाराज को "संभाजी" कह रहे थे और उन्होंने मांग की कि संभाजी ब्रिगेड का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज ब्रिगेड कर दिया जाए. रिपोर्ट के मुताबिक छह अन्य सदस्यों को पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया और बाद में हिरासत में ले लिया. पुलिस द्वारा उन्हें नोटिस जारी करने के बाद, उन्हें जाने दिया गया.

इसके अलावा, राकांपा (सपा) विधायक रोहित पवार ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि काते भाजपा के युवा प्रभाग से जुड़े थे और सक्रिय सदस्यों में से एक थे. जवाब में, चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि भाजपा का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है और इसमें शामिल लोगों को बचाने की किसी भी कोशिश से इनकार किया है.


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