Updated on: 28 November, 2023 01:08 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) 28 नवंबर से मुंबई में उन दुकानों पर कार्रवाई करेगी, जिन्होंने मराठी में साइनबोर्ड नहीं लगाए हैं. इस अभियान को लेकर अधिकारियों ने कहा कि मराठी साइनबोर्ड न होने पर प्रति कर्मचारी 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
एक दुकान पर मराठी साइनबोर्ड लगाया जा रहा है। फ़ाइल फोटो
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) 28 नवंबर से मुंबई में उन दुकानों पर कार्रवाई करेगी, जिन्होंने मराठी में साइनबोर्ड नहीं लगाए हैं. इस अभियान को लेकर अधिकारियों ने कहा कि मराठी साइनबोर्ड न होने पर प्रति कर्मचारी 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा. दुकान स्थापना विभाग के कर्मचारी कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जुर्माना भी लगाएंगे.
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नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान मंगलवार से शुरू होगा क्योंकि शनिवार, रविवार और सोमवार को छुट्टियां हैं. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 सितंबर को दुकानदारों को महाराष्ट्र दुकानें और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 के अनुसार देवनागरी लिपि में मराठी साइनबोर्ड स्थापित करने के लिए दो महीने की समय सीमा देने के बाद आया है. बीएमसी के नियमों को देखें तो महाराष्ट्र राज्य के कानून के मुताबिक जांच के दौरान यदि दुकान पर मराठी भाषा में बोर्ड नहीं दिखा तो प्रति कर्मचारी 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस हिसाब से अगर किसी दुकान में दस कर्मचारी काम करते हैं, तो उस दुकान पर मराठी बोर्ड नहीं लगा है, तो उस दुकानदार पर 20000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
मनसे बांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के उपाध्यक्ष अजीत नाइक ने मनसे कार्यकर्ताओं के साथ दुकानों का दौरा किया. नाइक ने मिड-डे को बताया, “बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) मराठी साइन बोर्ड नियम का पालन करने में विफल रहने वाले व्यवसायों पर प्रति कर्मचारी 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने के लिए तैयार है. यह प्रवर्तन 28 नवंबर से शुरू होगा.”
बीएमसी के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर (विशेष) संजोग कबरे ने कहा कि यह कार्रवाई सरकारी नियमों के अनुरूप और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए की गई है. दंडात्मक कार्रवाई के साथ ही नागरिक निकाय उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ अपराध भी दर्ज करेगा और कहा कि यह उनके उल्लंघनों को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में 5.5 लाख प्रतिष्ठान लाइसेंस जारी किए गए थे. कुल में से तीन लाख दुकानें हैं जबकि अन्य क्लीनिक और निजी कार्यालय जैसे प्रतिष्ठान हैं. लगभग 80 प्रतिशत दुकानें पहले ही नियमों का पालन कर चुकी हैं और साइनबोर्ड बदल चुकी हैं.
बीएमसी, जिसने 10 अक्टूबर को एक निरीक्षण अभियान शुरू किया था. इस दौरान उन्होंने केवल नौ दिनों में 3,000 से अधिक गैर-अनुपालन वाली दुकानों को नोटिस दिया था. इसके अलावा फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष विरेन शाह ने भी दुकानदारों से अपील की है कि लोग अपनी-अपनी दुकानों पर जल्द से जल्द मराठी भाषा के बोर्ड लगवा लें. ऐसा न करने पर कठोर कार्रवाई हो सकती है.
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