Updated on: 01 April, 2025 03:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इस घटना के बारे में ऑफिसर ने बताया कि फुलगली में दाउदी बोहरा समाज की एक मस्जिद है और उसके बगल में सुन्नी मुसलमानों की अटारी मस्जिद है.
प्रतीकात्मक छवि
शनिवार की शाम भिंडी बाजार में दाऊदी बोहरा मुसलमानों और सुन्नी मुसलमानों के बीच जुबानी जंग और मारपीट हो गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए मार्ग पुलिस स्टेशन के ड्यूटी ऑफिसर ने `मिड-डे` को बताया कि भिंडीबाजार के फुलगली में दाउदी बोहरा समाज की एक मस्जिद है और उसके बगल में सुन्नी मुसलमानों की अटारी मस्जिद है.
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रमजान का महीना चल रहा है, शनिवार की शाम दोनों संप्रदाय के मुसलमान इफ्तारी (रोजा खोलने के बाद खाया जाने वाला भोजन) के लिए आम रास्ते से आ-जा रहे थे, इसी दौरान उनके बीच विवाद हो गया. मामला बढ़ने पर उनके बीच हाथापाई हो गई, जिसका वीडियो वायरल हो गया. हमारी पुलिस वहां पूरी तरह तैयार थी. उन्होंने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाया. हालाँकि, चूंकि हमें देर रात दोनों पक्षों से शिकायत मिली, इसलिए हमने इस पर ध्यान दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है.
मुंबई पुलिस ने देश में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को दादर से गिरफ्तार किया है और जांच कर रही है कि 17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसा में उसकी कोई भूमिका थी या नहीं. क्राइम ब्रांच यूनिट-बी के अधिकारियों ने 29 वर्षीय अजीजुल निजानुल रहमान को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ``हमें संदेह है कि जब नागपुर में हिंसा हुई तब वह वहीं था.`` वह नागपुर के हसनबाग में रहता है और कुछ दिन पहले दादर आया था. मजदूर अजीजुल ने हमारे सामने कबूल किया है कि उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड हासिल किया है. हम उसके मोबाइल की लोकेशन की जांच कर रहे हैं. हमने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी नागपुर पुलिस को भी दे दी है.
सभी संदिग्ध आधार कार्डों को फिर से सत्यापन के लिए भेजा गया है, जिसमें आधार बनाने के लिए जमा किए गए दस्तावेजों की विस्तृत जांच शामिल है. आधार अधिकारियों के साथ बैठक में सभी आधार केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्हें कोई व्यक्ति संदिग्ध दस्तावेजों पर आधार संशोधित करने या बनाने की कोशिश करता हुआ मिले तो वे पुलिस को सूचित करें. यदि व्यक्तियों के अवैध बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हो जाती है, तो उन्हें हिरासत केंद्र में रखा जाएगा और प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए एफआरआरओ को सूचित किया जाएगा.
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