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अंधेरी-पश्चिम से गोरेगांव-पश्चिम को जोड़ने वाले पुल का निर्माण अटका, 2,500 परिवारों के पुनर्वास में देरी

Updated on: 09 December, 2024 02:27 PM IST | Mumbai
Sameer Surve | sameer.surve@mid-day.com

अंधेरी पश्चिम के मिल्लत नगर और गोरेगांव पश्चिम के भगत सिंह नगर के बीच प्रस्तावित 500 मीटर लंबे केबल-स्टेड पुल का निर्माण पिछले दो वर्षों से अटका हुआ है.

 Pic/Nimesh Dave

Pic/Nimesh Dave

अंधेरी पश्चिम में मिल्लत नगर और गोरेगांव पश्चिम में भगत सिंह नगर के बीच एक पुल का निर्माण पिछले दो साल से अटका हुआ है. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) अभी भी उच्च न्यायालय से मंजूरी का इंतजार कर रहा है, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती भगत सिंह नगर में 2,500 परिवारों को स्थानांतरित करना है.

बीएमसी के रिकॉर्ड के अनुसार, ओशिवारा क्रीक पर 500 मीटर लंबे केबल-स्टेड पुल को 2022 के अंत में मंजूरी दी गई थी. 418.35 करोड़ रुपये की लागत वाले छह लेन के पुल का उद्देश्य न्यू लिंक रोड पर यातायात को कम करना है. यह अंधेरी लोखंडवाला से वाहन चालकों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा. पुल मिल्लत नगर में मस्जिद अल सलाम चौक से शुरू होगा और भगत सिंह नगर में समाप्त होगा. निर्माण शुरू होने के चार साल बाद इस परियोजना के पूरा होने की उम्मीद है.


पिछले दो सालों में बीएमसी को सभी ज़रूरी पर्यावरण मंज़ूरियाँ मिल गई हैं, लेकिन उसे अभी भी बॉम्बे हाई कोर्ट से अंतिम मंज़ूरी का इंतज़ार है. बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि मामले की सुनवाई जल्द ही होगी. उन्होंने यह भी बताया कि भगत सिंह नगर का उत्तरी हिस्सा सड़क पर लगभग 450 ढाँचों से अवरुद्ध है और जिस इलाके में नई सड़क जुड़ेगी, वहाँ लगभग 1,600 और ढाँचे हैं.


अतिरिक्त नगर आयुक्त अभिजीत बांगर ने पुष्टि की कि इलाके में झुग्गियाँ हैं और पुल पर काम अभी शुरू नहीं हुआ है.

इस परियोजना के लिए सड़क का प्रस्ताव 1991 और 2034 दोनों विकास योजनाओं में था. बीएमसी ने एलईडी लाइट लगाकर पुल को बांद्रा-वर्ली सी लिंक की तरह एक पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित करने की भी योजना बनाई है.


नागरिक कार्यकर्ता पुल परियोजना में देरी की जाँच की माँग कर रहे हैं. कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि किसी भी परियोजना को मंज़ूरी देने से पहले रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए. दो हज़ार से ज़्यादा झुग्गियों का पुनर्वास कुछ दिनों में पूरा होने वाला काम नहीं है. इस तरह की देरी से सिर्फ़ परियोजना की लागत बढ़ती है. उन्होंने कहा कि यह खराब नियोजन का एक उदाहरण है जिसकी जांच की आवश्यकता है. अंधेरी पश्चिम के निवासी धवल शाह ने कहा, "लिंक रोड पर बना पुल बहुत पुराना है और इसे कभी भी मरम्मत के लिए बंद किया जा सकता है. वैकल्पिक मार्ग की तत्काल आवश्यकता है." शाह ने कहा, "लिंक रोड पर भी बहुत अधिक ट्रैफिक जाम है. नया पुल इस भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगा. इसलिए, पुल का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए." निवासी संजय पराशर ने कहा, "हर साल लिंक रोड पर ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है, मेट्रो के खुलने के बाद भी कोई अतिरिक्त लेन नहीं है या यात्रियों की संख्या में कमी आई है." पराशर ने कहा, "हमें भीड़भाड़ कम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए इस पुल को जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता है."

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