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प्लेटफॉर्म शिफ्ट होने के बाद मलाड में भीड़, निवासी परेशान

Updated on: 10 September, 2024 05:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

जिसके कारण व्यस्त समय में यहां काफी भीड़ रहती है.

कल मलाड रेलवे-स्टेशन पर चिक्कर की भीड़ दिखी.

कल मलाड रेलवे-स्टेशन पर चिक्कर की भीड़ दिखी.

पश्चिम रेलवे द्वारा गोरेगांव और कांदिवली के बीच छठी रेलवे लाइन के निर्माण के तहत मलाड रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक और दो को संशोधित किया गया है. लोग चर्चगेट से बोरीवली की ओर धीमी लोकल से उतरकर सीधे मलाड-पश्चिम की ओर निकल जाते थे, अब लोगों को पुल पर चढ़ना पड़ता है. जिसके कारण व्यस्त समय में यहां काफी भीड़ रहती है. जिसके कारण लोगों को एक-दूसरे को धक्का देकर नये प्लेटफार्म व पुल पर जाना पड़ता है. प्लेटफार्म नंबर दो पर शिफ्ट होने के बाद कल पहले कार्य दिवस पर मलाड के निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

मलाड में रहने वाले शैलेश छेड़ा ने `मिड-डे` को बताया कि `वेस्टर्न रेलवे के ज्यादातर लोग मुंबई में मलाड में रहते हैं. इसलिए यह स्वाभाविक है कि रेलवे में भी अधिक लोग यात्रा करते हैं. पश्चिम रेलवे के प्लेटफार्म नंबर एक और दो बदलने से समस्या खड़ी हो गई है. पहले प्लेटफार्म नंबर दो पर खड़ी लोकल से उतरने या चढ़ने वाले लोगों को स्टेशन से बाहर जाने के लिए पुल का इस्तेमाल करना पड़ता था. 


अब नंबर वन धीमे स्थानीय पर्यटकों को पुल पर चढ़ना होगा. व्यस्त समय में जब ट्रेनें एक साथ प्लेटफार्म नंबर एक और दो पर आती हैं तो प्लेटफार्म और पुल पर भीड़भाड़ हो जाती है. नई छठी लाइन बिछाने से पहले रेलवे विभाग को स्टेशन पुलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत थी. `रेलवे की खराब प्लानिंग का खामियाजा मेरे जैसे आम यात्रियों को भुगतना पड़ता है.`


इसके अलावा, मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एक बार की एकल यात्रा टिकट खरीदने वाले यात्री द्वितीय श्रेणी के लिए 11 पैसे प्रति किमी, प्रथम श्रेणी के लिए 1.25 रुपये प्रति किमी और एसी लोकल के लिए 1.40 रुपये प्रति किमी का भुगतान करते हैं. घने उपनगरीय रेल नेटवर्क में ट्रेनें औसतन 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं, जो दर्शाता है कि यह यात्रियों को दुनिया में सबसे सस्ती और सबसे तेज़ सेवाएं प्रदान करती है. अधिकारियों ने कहा कि इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए मुंबई उपनगरीय प्रणाली में 52,724 करोड़ रुपये का निवेश चल रहा है.


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