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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक में प्रवेश द्वारों के नामकरण का हुआ निर्णय

Updated on: 08 June, 2025 10:24 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर परिसर के चारों प्रवेश द्वारों के नाम पर सहमति बनी.

Ayodhya Ram Mandir Pics

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक मणिराम छावनी में आयोजित की गई, जिसमें राम मंदिर परिसर के चारों प्रवेश द्वारों के नाम पर सहमति बनी. इस बैठक में ट्रस्ट के सदस्य और अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल हुए, जिन्होंने मंदिर परिसर के विभिन्न हिस्सों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिए.

बैठक में तय किया गया कि राम मंदिर परिसर के चारों प्रवेश द्वारों के नाम जगद्गुरुओं के नाम पर रखे जाएंगे, जो हिन्दू धर्म और संस्कृति के सम्मानित प्रतीक हैं. इन द्वारों के नामकरण से मंदिर परिसर को धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्राप्त होगा. चार प्रवेश द्वारों में से पहला द्वार बिड़ला धर्मशाला के सामने स्थित है, जिसे सबसे प्रमुख माना जा रहा है. दूसरा द्वार क्षीरेश्वर महादेव के सामने होगा, जो मंदिर परिसर के मुख्य प्रवेश मार्ग पर स्थित है. तीसरा द्वार निर्माणाधीन है, और इसे मंदिर के आगे के हिस्से में बनाया जा रहा है. चौथा और अंतिम द्वार रामकोट मोहल्ले के उत्तरी हिस्से में स्थित होगा, जो मंदिर के एक अन्य महत्वपूर्ण प्रवेश मार्ग के रूप में कार्य करेगा.


यह ध्यान दिया गया कि इनमें से एक द्वार का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि बाकी तीन प्रवेश द्वार अभी निर्माण प्रक्रिया में हैं. इन द्वारों का निर्माण भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में किया जा रहा है, जो आने वाले समय में राम मंदिर के इतिहास और महत्व को संजोए रखेगा.


मंदिर परिसर के द्वारों के नाम जगद्गुरुओं के नाम पर रखने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह हिन्दू धर्म के प्राचीन और प्रतिष्ठित धार्मिक नेताओं को सम्मान देने का कार्य करेगा. इन द्वारों के माध्यम से मंदिर परिसर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को एक विशेष धार्मिक अनुभव मिलेगा, जो हिन्दू धर्म की सांस्कृतिक धारा को मजबूती प्रदान करेगा.

यह बैठक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मार्गदर्शन में आयोजित की गई थी, जो श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य और धार्मिक महत्व को लेकर अपनी योजनाओं में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. इस निर्णय के साथ ही, राम मंदिर परिसर का सौंदर्य और धार्मिक महत्व और भी अधिक बढ़ जाएगा.


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