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डॉ. अनीता रत्नम करेंगी 7वीं सदी की नारीवादी कवयित्री आंडाल को समर्पित डांस परफॉर्म

Updated on: 24 March, 2025 03:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

50 वर्षों से अधिक और 36 देशों में प्रदर्शन करने वाली डॉ. रत्नम, जो भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम और कथकली में प्रशिक्षित हैं, इस प्रस्तुति में ‘नियो भारतम’ का उपयोग करती हैं.

डॉ. अनीता रत्नम

डॉ. अनीता रत्नम

प्रसिद्ध नृतकी और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त डॉ. अनीता रत्नम अपनी प्रस्तुति ‘नाचियार नेक्स्ट’ को 28 मार्च, 2025 को नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC), मुंबई में प्रस्तुत करेंगी. 50 वर्षों से भी अधिक और 36 देशों में प्रदर्शन करने वाली डॉ. रत्नम, जो भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम और कथकली में प्रशिक्षित हैं, इस प्रस्तुति में ‘नियो भारतम’ का उपयोग करती हैं, जो इन तीन पारंपरिक नृत्य शैलियों का एक समकालीन संयोजन है, जिसे उन्होंने स्वयं विकसित किया. यह प्रदर्शन एक संवेदनशील नृत्य-नाटक है, जो तमिल रहस्यवादी कवित्री आंडाल के जीवन और रचनाओं पर आधारित है, जो भारतीय इतिहास की सबसे प्रभावशाली महिला आवाज़ों में से एक मानी जाती हैं.

‘नाचियार नेक्स्ट’ डॉ. अनीता रत्नम का पर केंद्रित पाँचवाँ उत्पादन है. आंडाल 7वीं सदी की कवित्री हैं जिन्हें भारतीय इतिहास में एक प्राचीन नारीवादी आवाज़ के रूप में देखा जाता है. वह एक ऐसे समय में उभरीं, जब दक्षिण भारत में सामाजिक और धार्मिक परिवर्तन की लहरें चल रही थीं. “इस नए संस्करण में,” डॉ. रत्नम बताती हैं, “आंडाल की उदासी, कृष्ण के प्रति अधूरी इच्छा और उनके अंतिम क्षणों को दर्शाया गया है, जब वह अपनी प्रेम की वस्तु से मिलकर देवी बन जाती हैं.” जबकि कई महिला कवियों ने कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति सदियों बाद प्रकट की, आंडाल अपने समय में अकेली खड़ी थीं, जिन्होंने अपनी इच्छाओं और भक्ति को निडरता से व्यक्त किया. वह कहती हैं, “जहां मीरा बाई भारत भर में प्रसिद्ध हैं, वहीं आंडाल और अन्य महत्वपूर्ण महिला रहस्यवादियों को अक्सर परछाई में रखा जाता है. मुझे उनकी आवाज़ नए दर्शकों तक पहुँचाने की आवश्यकता महसूस हुई, जो नृत्य, नाटक, जाप और संगीत के मिले जुले रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.”


इस प्रदर्शन का एक दिलचस्प पहलू इसका सारा महिला संगीतकारों का समूह है, जो डॉ. अनीता रत्नम की जानबूझकर की गई एक पसंद है, ताकि आंडाल की कहानी में महिला ऊर्जा को और अधिक प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया जा सके. गायिकाओं से लेकर वीणा वादकों और एक दुर्लभ महिला तबलावादक तक, संगीत आंडाल की नर्मियत व शक्ति, दोनों को व्यक्त करता है. तमिल शेरों और अंग्रेज़ी अनुवादों के साथ यह परिदृश्य यह सुनिश्चित करता है कि प्रदर्शन अपने आध्यात्मिक सार को बनाए रखते हुए सभी के लिए सुलभ रहे.


जो लोग अनजान हैं, उनके लिए, नृत्यांगना और कोरियोग्राफर के रूप में अपने काम से परे, डॉ. रत्नम एक सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं, जो लगातार हाशिये पर रहने वाली आवाज़ों और भूली-बिसरी महिला कथाओं को मंच पर लाती हैं. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के अलावा, उन्हें तमिलनाडु सरकार से कलईमामणि पुरस्कार और नृत्य चूड़ामणि पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है - जो भारतीय शास्त्रीय नृत्य समुदाय के सबसे सम्मानित पुरस्कारों में से एक है. ‘नाचियार नेक्स्ट’ ने पहले ही भारत भर के दर्शकों का दिल जीत लिया है, और इसके चेन्नई, बेंगलुरु, नई दिल्ली और पुडुचेरी जैसे शहरों में 24 प्रदर्शन हो चुके हैं. 2025 में आगे बढ़ते हुए, डॉ. अनीता रत्नम इस उत्पादन को पुणे, कोलकाता और कोयंबटूर लेकर जाएंगी, और साथ ही साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्थलों से भी निमंत्रण आ रहे हैं.


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