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मुंबई में इन्सानों की स्मगलिंग? एयरपोर्ट पर संदिग्ध गिरफ्तार

Updated on: 27 May, 2025 03:47 PM IST | Mumbai
Shirish Vaktania | mailbag@mid-day.com

जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि तीनों - जो सभी सूरत, गुजरात के निवासी हैं - एक घोटाले में भाग लेने जा रहे थे, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े निवेश की सुविधा के नागरिकों को धोखा देना शामिल था.

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी पहले भी दो बार वियतनाम की यात्रा कर चुका है. तस्वीर/आईस्टॉक

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी पहले भी दो बार वियतनाम की यात्रा कर चुका है. तस्वीर/आईस्टॉक

सहार पुलिस ने सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मानव तस्करी के संदिग्ध प्रयास के आरोप में 29 वर्षीय पार्थकुमार अजय चौहान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया तथा दो अन्य को हिरासत में लिया. पुलिस के अनुसार, तीनों वियतनाम जा रहे थे. जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि तीनों - जो सभी सूरत, गुजरात के निवासी हैं - एक घोटाले में भाग लेने जा रहे थे, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े निवेश की सुविधा के बहाने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को धोखा देना शामिल था.

चौहान पहले भी वियतनाम में इसी तरह के घोटाले में शामिल था तथा अपने दो दोस्तों को 60,000 से 70,000 रुपये मासिक वेतन देने के बाद उनके साथ दक्षिण पूर्व एशियाई देश जाने की योजना बना रहा था. पुलिस के अनुसार, यह घटना रात करीब 12.10 बजे हुई, जब यात्री भारत से हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम जाने वाली फ्लाइट VJ-884 में सवार होने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे, जिसमें वियनतियाने, लाओस के लिए एक कनेक्टिंग फ्लाइट थी.


एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "आव्रजन अधिकारी दीपचंद सिंह को इस समूह पर संदेह हुआ, उन्होंने उन्हें रोका और वियतनाम की यात्रा करने का कारण पूछा. हालाँकि उनके पास वैध पर्यटक वीजा था, लेकिन उनके जवाब स्पष्ट नहीं थे, इसलिए सिंह ने उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दिया. पूछताछ के दौरान, उन्होंने स्वीकार किया कि वे पर्यटक वीजा पर रोजगार के उद्देश्य से वियतनाम जा रहे थे."


अपनी प्राथमिकी में, पुलिस ने उल्लेख किया कि उन्हें पता चला कि चौहान ने दुबई स्थित एक एजेंट के माध्यम से 15 दिसंबर, 2022 से 23 फरवरी, 2023 तक वियतनाम में कथित तौर पर काम किया था. उसका काम एक `चैट घोटाला` था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों से संपर्क किया जाता था और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए राजी किया जाता था, लेकिन फिर उन्हें धोखा दिया जाता था.

जोन VIII के डीसीपी मनीष कलवानिया ने कहा, "हमने चौहान को गिरफ़्तार कर लिया है. हमें संदेह है कि वह एक ऐसे घोटाले में शामिल है जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करके ठगा जाता है. हमारी जाँच में यह भी पता चला कि चौहान पहले भी दो बार वियतनाम जा चुका है. हालाँकि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन उसने पहले वियतनाम में "चैटिंग जॉब" के लिए काम करना स्वीकार किया है. वह इसी तरह के काम के लिए दो युवकों को अपने साथ ले जा रहा था. हमने अन्य दो यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें जाँच के लिए उपस्थित होने के लिए नोटिस दिया."


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