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`पानी नहीं तो चुप नहीं`- आदित्य ठाकरे आज नगर निगम के खिलाफ निकलेंगे ‘हल्लाबोल महामोर्चा’

Updated on: 16 May, 2025 10:35 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

छत्रपति संभाजीनगर में पानी संकट के खिलाफ आज शिवसेना (UBT) ‘हल्लाबोल महामोर्चा’ निकाल रही है. आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में यह मोर्चा नगर निगम की नाकामी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की आवाज़ बनेगा.

X/Pics, ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray

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की हाइलाइट्स

  1. शिवसेना (UBT) आज पानी संकट को लेकर नगर निगम के खिलाफ निकालेगी हल्लाबोल महामोर्चा
  2. आदित्य ठाकरे खुद करेंगे मोर्चे का नेतृत्व
  3. शहर में 12-15 दिन बाद भी नहीं मिल रहा पानी, जनता में आक्रोश

छत्रपति संभाजीनगर में पानी संकट को लेकर जनता का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. नगर निगम द्वारा हर पांच दिन में पानी आपूर्ति की योजना के बावजूद अधिकांश इलाकों में नागरिकों को 12 से 15 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. इस गंभीर मुद्दे के खिलाफ शिवसेना (UBT) ने आज शुक्रवार, 16 मई 2025, को नगर निगम के खिलाफ ‘हल्लाबोल महामोर्चा’ निकालने का निर्णय लिया है.  ‘हल्लाबोल महामोर्चा’ की जानकारी `ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray` के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी गई है.

 



 


`ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray` ने जारी किए अपने पोस्ट में लिखा है कि `यह महामोर्चा आज शाम 4:30 बजे, छत्रपति संभाजीनगर के क्रांतिचौक से निकाला जाएगा. इसका नेतृत्व शिवसेना नेता और विधायक आदित्य ठाकरे खुद करेंगे. पार्टी का कहना है कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक प्रचार से ज्यादा, जनता की मूलभूत जरूरत — पानी — की लड़ाई है. 

शिवसेना के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की भ्रष्ट और निष्क्रिय कार्यप्रणाली के कारण शहरवासी पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हो रहे हैं. अनेक इलाकों में पानी का वितरण अनियमित है, पाइपलाइन लीकेज, अवैध कनेक्शन और टैंकर माफिया की मिलीभगत से आम लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

पार्टी ने नागरिकों से अपील की है कि वे आज के महामोर्चा में भारी संख्या में उपस्थित होकर अपनी आवाज़ बुलंद करें. शिवसेना (UBT) नेताओं का कहना है कि जब तक प्रशासन पानी की समस्या का ठोस समाधान नहीं करता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा. महामोर्चे को लेकर फडणवीस सरकार भी सतर्क हो गया है. पुलिस बल को तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. नगर निगम की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

शिवसेना (UBT) का यह कदम राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे जनता की पीड़ा को सामने रखने की कोशिश है और नगर निगम को जवाबदेह ठहराने का प्रयास भी.

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