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कुर्ला में धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए भूमि सर्वेक्षण का विरोध, स्थानीय निवासियों ने जताई आपत्ति

Updated on: 20 January, 2025 08:17 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

कुर्ला पूर्व के नेहरू नगर में स्थानीय निवासियों ने धारावी पुनर्वास परियोजना के लिए मदर मिल्क डेयरी भूमि के सर्वेक्षण का विरोध किया. वे इस भूमि को प्रकृति पार्क में बदलने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने इसे धारावी के अपात्र निवासियों के पुनर्वास के लिए आवंटित किया है.

पुलिस सुरक्षा प्रदान करती है क्योंकि राज्य सरकार के अधिकारी भूखंड को साफ करने के लिए पहुंचे थे.

पुलिस सुरक्षा प्रदान करती है क्योंकि राज्य सरकार के अधिकारी भूखंड को साफ करने के लिए पहुंचे थे.

रविवार सुबह कुर्ला पूर्व के नेहरू नगर में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी एकत्र हुए और धारावी पुनर्वास परियोजना के लिए मदर मिल्क डेयरी की भूमि के सर्वेक्षण का विरोध किया. राज्य सरकार के अधिकारी भूखंड की सफाई के लिए पहुंचे थे, लेकिन विरोध के कारण कार्य बाधित हो गया. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया.

राज्य सरकार ने धारावी पुनर्वास योजना के तहत कुर्ला पूर्व में स्थित 21 एकड़ भूमि धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण को आवंटित की है. इस भूखंड में उन धारावी निवासियों को बसाने की योजना है, जो पुनर्वास के लिए अपात्र थे. हालांकि, स्थानीय निवासी इस भूमि को प्रकृति पार्क में परिवर्तित करने की मांग कर रहे हैं. भूमि अभिलेख विभाग ने 23 जनवरी, 2025 को सर्वेक्षण निर्धारित किया है, जिसे लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है.


स्थानीय निवासी किरण पेलवान ने कहा, "शनिवार को मजदूर जब भूमि की सफाई करने आए, तो विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा. रविवार को वे भारी पुलिस सुरक्षा के साथ वापस आए. हम सर्वेक्षण के दिन भी विरोध जारी रखेंगे." इससे पहले 26 जुलाई, 2024 को प्रस्तावित सर्वेक्षण भी स्थानीय विरोध के कारण स्थगित कर दिया गया था.


स्थानीय निवासी नीलेश कांबले ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा, “हम धारावी पुनर्विकास परियोजना के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस भूमि के उपयोग से कुर्ला पूर्व में बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ेगा. सरकार को हमारी भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए.”

इस मुद्दे पर सांसद वर्षा गायकवाड़ ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव से पहले सरकार ने भूमि हस्तांतरण रोकने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद अपने निर्णय को बदल दिया. उन्होंने कहा, "यह भूमि पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जिसमें 800 से 900 पेड़ हैं. लेकिन सरकार इन्हें अडानी के हित में काटना चाहती है, जैसा आरे कॉलोनी में किया गया था.”


इस मुद्दे पर नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (एनएमडीपीएल) की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि वे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखेंगे.

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