Updated on: 04 June, 2025 02:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र सरकार ने मदर डेयरी के 8.5 हेक्टेयर भूखंड पर संशोधित शर्तों को मंजूरी दी है, जिसका उपयोग धारावी के झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए किया जाएगा.
File pic/Atul Kamble
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें मदर डेयरी के 8.5 हेक्टेयर भूखंड के लिए संशोधित शर्तों को मंजूरी दी गई. यह भूमि अयोग्य झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए उपयोग की जाएगी, और यहां स्कूल, अस्पताल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाएं भी बनाई जाएंगी. इस मंजूरी को मुंबई में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई.
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पिछले साल जून में, राज्य सरकार ने एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया था, जिसके तहत उपनगरीय कुर्ला में स्थित इस भूखंड को भारत के सबसे बड़े झुग्गी समूह के पुनर्विकास योजना के तहत धारावी के झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) को सौंप दिया था. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत कुल 8.5 लाख परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा. इनमें से 5 लाख परिवार धारावी में ही पुनर्वास के पात्र हैं, जबकि बाकी 3.5 लाख परिवारों के पुनर्वास के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है. इस अतिरिक्त भूमि में से एक कुर्ला की मदर डेयरी परियोजना है, जिसका उपयोग इन परिवारों के पुनर्वास के लिए किया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी की मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सांसद और शहर कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने इस परियोजना की आलोचना की है. उनका कहना है कि यह पुनर्विकास योजना एक व्यक्ति के फायदे के लिए बनाई गई है, और उन्होंने आरोप लगाया कि धारावी के निवासी अपनी बस्तियों के अंदर ही घर चाह रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना के लिए सस्ती दरों पर भूमि दिए जाने का मामला संदेहास्पद है. गायकवाड़ ने यह भी आरोप लगाया कि इस परियोजना के लिए 1,000 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे, जिसके कारण स्थानीय निवासियों में विरोध है.
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी), ने इस कदम का विरोध किया है और वे धारावी के निवासियों को बस्ती से बाहर निकालने की इस योजना को लेकर असंतुष्ट हैं. इस अरबों डॉलर की धारावी पुनर्विकास परियोजना को अडानी समूह द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.
शिवसेना के कुर्ला विधायक मंगेश कुडलकर ने भी इस परियोजना के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि इस भूमि का उपयोग वनस्पति उद्यान, नागरिक अस्पताल और खेल परिसर बनाने के लिए किया जाना चाहिए, बजाय इसके कि यहां पेड़ काटकर पुनर्विकास योजना लागू की जाए. विधायक ने यह मुद्दा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने उठाया था, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि इस स्थल पर अस्पताल और वनस्पति उद्यान बनाया जाएगा.
मदर डेयरी, जो 1974 में स्थापित हुई थी, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसे संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित किया गया है. इसके अलावा, राज्य मंत्रिमंडल ने मुंबई में पांच प्रवेश बिंदुओं पर टोल छूट को 17 सितंबर, 2029 तक बढ़ाने को भी मंजूरी दी है.
(With inputs from PTI)
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