Updated on: 30 May, 2025 09:22 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
मुंबई में पहली बारिश के बाद भारी बाढ़ की स्थिति बन गई है, जिसमें गोवंडी, बांद्रा, जुहू और मेट्रो स्टेशन प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं.
X/Pics, Maharashtra Congress
मुंबई में पहली बारिश के साथ ही भारी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसने शहर की कमज़ोर आपदा प्रबंधन व्यवस्था की पोल खोल दी. मौसम विभाग ने पहले ही बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी, बावजूद इसके आपदा प्रबंधन विभाग और मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से कोई ठोस तैयारी नजर नहीं आई. इसके कारण गोवंडी, बांद्रा, जुहू समेत कई इलाकों में जलभराव हुआ और भूमिगत मेट्रो स्टेशन में भी पानी घुस गया, जिससे आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा.
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एकनाथ - का केली तुम्ही मुंबई अनाथ?
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) May 29, 2025
मा. श्री अतुल लोंढे
मुख्य प्रवक्ते - महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस@atullondhe #INCMaharashtra #IndianNationalCongress #Congress #maharastra #Mumbai pic.twitter.com/g2UfU940Rm
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इस स्थिति को भाजपा गठबंधन सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार का परिणाम बताया. उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले दस वर्षों से शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के विभाग की नीतियों ने मुंबई को भारी नुकसान पहुंचाया है. लोंढे ने सवाल उठाया कि जब मौसम विभाग ने पहले से बारिश की चेतावनी दे दी थी, तब बीएमसी और आपदा प्रबंधन विभाग ने क्यों कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए. उन्होंने कहा, “बारिश के एसओपी क्यों लागू नहीं किए गए? रात 8 बजे बारिश शुरू हुई और प्रशासन 12 बजे तक हैरान था.”
अतुल लोंढे ने मेट्रो-3 परियोजना में हुई जल्दबाजी की भी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि अधूरी मेट्रो लाइन का उद्घाटन कर जनता के साथ धोखा हुआ है. आचार्य अत्रे मेट्रो स्टेशन में पानी घुसने की घटना के लिए तकनीकी कमियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इस स्टेशन में तीन प्रवेश और निकास होने चाहिए थे, लेकिन वहां केवल दो दरवाजे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी अधिकारी या सलाहकार ने इस कमी की जांच की.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी अधिकारी और ठेकेदार मंत्री-मंडल के निर्देशों के तहत काम करते हैं, जनता के लिए नहीं. अतुल लोंढे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की बात की गई थी, लेकिन इस आपदा के बाद क्या किसी अधिकारी या ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई.
गोवंडी, जुहू और बांद्रा इलाकों में भारी जलभराव हुआ, लेकिन चर्चा केवल मेट्रो स्टेशन की क्षति पर सीमित रही. अतुल लोंढे ने नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने और मुंबई की जनता को जवाब देने की मांग की.
मुंबईकर इस कुप्रबंधन को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे और बेहतर व्यवस्था की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
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