Updated on: 13 May, 2025 01:10 PM IST | Mumbai
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भदुरनी गांव की निवासी 30 वर्षीय भुवनेश्वरी भेंद्रे पर सोमवार सुबह करीब सात बजे बाघ ने हमला किया.
प्रतिनिधित्व चित्र
एक वन अधिकारी ने बताया कि सोमवार को चंद्रपुर जिले में एक 30 वर्षीय महिला को बाघ ने मार डाला, तीन दिनों में बाघ के हमले में मरने वाली यह पांचवीं महिला है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भदुरनी गांव की निवासी 30 वर्षीय भुवनेश्वरी भेंद्रे पर सोमवार सुबह करीब सात बजे बाघ ने हमला किया, जब वह अपने परिवार के कुछ अन्य सदस्यों के साथ जंगल में तेंदू पत्ता इकट्ठा कर रही थी.
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रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) के बफर जोन के अंतर्गत मुल रेंज में हुई. अधिकारी ने बताया कि शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि परिवार को शुरुआती मुआवजा दिया जाएगा और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मुआवजा दिया जाएगा. जिले में पिछले तीन दिनों में बाघ के हमले में पांच मौतें हुई हैं. सिंदेवाही वन क्षेत्र में 10 मई को तेंदू पत्ता इकट्ठा करते समय तीन महिलाओं को बाघ ने मार डाला
एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र वन विभाग ने बाघों के शिकार से निपटने के लिए ईडी सहित केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद लेने का फैसला किया है, क्योंकि चंद्रपुर में ऐसी घटना के तार शिलांग से जुड़े होने का पता चला है. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि म्यांमार और अन्य देशों में बिल्लियों के शरीर के अंगों की तस्करी की घटनाएं भी हुई हैं.
वन मंत्री ने स्थानीय समुदायों की भागीदारी का भी आग्रह किया, जो बाघों के शिकार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, "उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए और गश्त बढ़ाने में सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए. इस प्रयास में अन्य विभागों से भी सहयोग मांगा जाना चाहिए." वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 30 दिसंबर, 2024 से 22 जनवरी, 2025 के बीच राज्य भर में विभिन्न घटनाओं में 12 बाघों की मौत हुई. आपसी संघर्ष, बीमारी और अन्य प्राकृतिक कारणों से लगी चोटों के कारण पांच बाघों की मौत हुई.
अन्य जानवरों के लिए लगाए गए तारों से करंट लगने या वाहन की टक्कर लगने से चार बाघों की मौत हो गई. तीन मामलों में, मौतों का कारण अवैध शिकार बताया गया. आंकड़ों के अनुसार, इन अवैध शिकार की घटनाओं के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. महाराष्ट्र में बाघों की आबादी पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है. 2006 में राज्य में 103 बाघ थे, और 2010 तक यह संख्या बढ़कर 169, 2014 में 190 और 2018 में 312 हो गई.
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