Updated on: 28 December, 2024 12:30 PM IST | Mumbai
Rajendra B Aklekar
मोटर वाहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह देश में पहली बार है कि इस तरह के वाहन खरीदे जा रहे हैं.
फोटो/राजेंद्र बी. अकलेकर
जनवरी 2025 में वार्षिक सड़क सुरक्षा सप्ताह के लिए लॉन्च किए जाने वाले हाई-टेक वाहनों के नए सेट में उपग्रहों की मदद से रडार-टॉप्ड इंटरसेप्टर का उपयोग करके यातायात उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ा जाएगा. मोटर वाहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह देश में पहली बार है कि इस तरह के वाहन खरीदे जा रहे हैं, और हम अब रडार और अन्य परिधीय वस्तुओं को स्थापित करने पर काम कर रहे हैं. रडार तकनीक एक वाहन के बजाय पूरे चिह्नित क्षेत्र में अपराधियों को पकड़ लेगी.
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अधिकारी ने कहा, "हमारी मौजूदा तकनीक हमें एक समय में एक वाहन तक सीमित रखती है. इस नई तकनीक से हम उन सभी को एक साथ पकड़ पाएंगे." डेटाबेस में दर्ज उल्लंघनों में हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट न लगाना, तेज गति से वाहन चलाना आदि जैसे अपराध शामिल हैं. जहां तक नवीनतम नई तकनीक वाले वाहनों का सवाल है, परिवहन विभाग ने लगभग 69 महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन खरीदे हैं, जिन्हें नवीनतम तकनीक से लैस किया जाएगा.
रडार में ‘वाहन’ सॉफ्टवेयर से डेटा एंबेड किया जाएगा, जिससे 1.5 किलोमीटर दूर से भी वाहन की गति की जांच करना संभव हो जाएगा. मिड-डे ने पहले बताया था कि आरटीओ फ्लाइंग स्क्वॉड के पास पहले से ही 187 इंटरसेप्टर वाहन हैं, जो स्पीड गन और सड़क सुरक्षा के लिए अन्य प्रमुख उपकरणों से भी लैस हैं.
उन इंटरसेप्टर पर लगे कैमरे 500 मीटर से अधिक की दूरी पर वाहनों की नंबर प्लेट का पता लगा सकते हैं. शहर का परिवहन विभाग आगे 27 और वाहन खरीदने की योजना बना रहा है, ताकि हर आरटीओ कार्यालय को कवर किया जा सके. महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने मिड-डे से इस बात की पुष्टि की है.
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