Updated on: 21 December, 2024 09:32 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इस प्रकार उनकी पूरी टीम ने अपने प्रयासों से कई निर्दोष लोगों की जान बचाई.
पर्यटक नाव
मुंबई के तट पर एक पर्यटक नाव पलट गई. इसके बाद भयभीत माता-पिता अपने बच्चों को समुद्र में फेंकने के लिए मजबूर हो गए. इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के समुद्री कमांडो की एक टीम मौके पर पहुंची और लोगों को रोका और आश्वासन दिया कि सभी को बचा लिया जाएगा. इस प्रकार उनकी पूरी टीम ने अपने प्रयासों से कई निर्दोष लोगों की जान बचाई.
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18 दिसंबर की दुर्घटना के बाद सीआईएसएफ कांस्टेबल अमोल सावंत (36) और उनके दो सहकर्मी घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे. उनकी गश्ती नाव शाम 4 बजे के आसपास मुंबई के तट पर दुर्घटनास्थल पर पहुंची और बच्चों सहित सबसे कमजोर लोगों की जान बचाने में शामिल हो गई. मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप की ओर जाते समय एक नौसेना नाव एक पर्यटक नाव - ``नील कमल`` से टकरा गई, जिसमें चौदह लोगों की मौत हो गई.
घटना के बारे में जानकारी देते हुए सावंत ने कहा कि जब हम तट से कुछ दूरी पर नियमित गश्त पर थे, तो हमें अपने ``वॉकी-टॉकी`` पर सूचना मिली कि एक यात्री नाव डूब रही है. मैंने नाव चालक से तेजी से चलने को कहा. सावंत ने आगे कहा, कुछ ही देर में वे 3-4 किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पहुंच गए.दुर्घटनास्थल को देखकर आश्चर्य हुआ, लेकिन एक प्रशिक्षित सैनिक होने के नाते, ``मैं समझ गया कि क्या करना है और कैसे करना है. नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ इकाई में तैनात एक सैनिक ने कहा, "हमने देखा कि लोग अपने बच्चों को समुद्र के पानी में फेंकने के लिए तैयार थे, यह सोचकर कि वे डूबते जहाज से बच जाएंगे. मैंने उनसे कहा कि घबराएं नहीं और यह प्रयास न करें".
जवान ने आगे कहा कि हमने जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया. जब मैंने बच्चों को डूबती नाव के मलबे से उनके असहाय माता-पिता के साथ लटकते देखा, तो मैं और मेरे साथी बच्चों को पकड़कर अपनी नाव में ले आए. कई हाथ हमारी ओर उठे, कुछ चिल्ला रहे थे, कुछ बस उन्हें बचाने की भीख मांग रहे थे. हम नाव पर सवार 50-60 लोगों की मदद करने और उन्हें बचाने में कामयाब रहे.
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