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नहीं गिराए जाएंगे मुंबई के कबूतरखानें, बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Updated on: 16 July, 2025 06:32 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह कबूतरों को दिन में दो बार दाना डालने की अनुमति नहीं दे सकती.

तस्वीर/अतुल कांबले

तस्वीर/अतुल कांबले

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को महानगर में किसी भी पुराने विरासती `कबूतरखानों` (कबूतरों को दाना डालने के स्थान) को ध्वस्त करने से रोक दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह कबूतरों को दिन में दो बार दाना डालने की अनुमति नहीं दे सकती, जैसा कि कुछ नागरिकों ने मांग की थी, जिन्होंने `कबूतरखानों` पर अंकुश लगाने के नगर निकाय के फैसले को चुनौती दी थी.

रिपोर्ट के मुताबिक पीठ ने बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वे मानव स्वास्थ्य से संबंधित जो भी चिकित्सा सामग्री/साक्ष्य उपलब्ध हों, उन्हें रिकॉर्ड में पेश करें, जिनका कबूतरखानों को बंद करने की नीति से संबंध हो. पीठ ने कहा, "मानव स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानते हुए नगर निगम द्वारा अब जिस नीति को लागू करने की मांग की जा रही है, उसे देखते हुए हम इस समय कोई अंतरिम आदेश देने के इच्छुक नहीं हैं."


याचिकाकर्ताओं ने कबूतरों के दाना डालने के स्थानों पर नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उनके कचरे से उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों का हवाला दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने इस मुद्दे पर बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार से हलफनामे मांगे. पीठ ने कहा, "यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि इन स्थानों (कबूतरखानों) को बंद करने की नीति से संबंधित मानव स्वास्थ्य से संबंधित जो भी चिकित्सा सामग्री/साक्ष्य उपलब्ध हैं, उन्हें ऐसे हलफनामों के माध्यम से रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए."


अदालत ने नगर निगम द्वारा संचालित केईएम अस्पताल के डीन को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने का आदेश दिया ताकि उसके फुफ्फुसीय विभाग के प्रमुख कबूतरों के बीट से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों पर एक हलफनामा दायर कर सकें. रिपोर्ट के मुताबिक याचिका के अनुसार, शहर में कई विरासती कबूतरखाने हैं और आशंका जताई गई है कि नगर निगम के अधिकारी उन्हें ध्वस्त कर सकते हैं.

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई के लिए स्थगित करते हुए कहा, "हम आदेश देते हैं कि सुनवाई की स्थगित तिथि तक पुराने विरासती कबूतरखानों को न तोड़ा जाए."  राज्य सरकार ने 3 जुलाई को बीएमसी को निर्देश दिया था कि वह शहर भर के सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालना तुरंत बंद करे, क्योंकि कबूतरखानों के आसपास रहने वाले निवासियों में श्वसन संबंधी बीमारियों और कई एलर्जी का कारण बनने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि शहर के सभी 51 कबूतरखानों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.


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