Updated on: 14 January, 2025 03:00 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
धरना प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान को नागरिकों से जोरदार समर्थन मिल रहा है. शिवसेना (UBT) गुट के परेरा नगर शाखा प्रमुख मंगेश चव्हाण ने चेतावनी दी है.
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है.
Naigaon-Sopara Creek Bridge Dispute: नायगाव पूर्व का सोपारा क्रीक ब्रिज एक बार फिर विवादों के केंद्र में है. पैदल चलने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि उच्च न्यायालय ने पुल के उत्तरी लेन के निर्माण पर रोक लगा दी है. लंबे समय से धीमी गति से चल रही इस परियोजना पर स्थानीय लोगों और शिवसेना (UBT) गुट के समर्थकों का गुस्सा चरम पर है. सोमवार, 13 जनवरी से शिवसेना (UBT) गुट ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो 14 जनवरी तक जारी रहेगा.
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शिवसेना (UBT) का आक्रामक रुख
शिवसेना (UBT) गुट के परेरा नगर शाखा प्रमुख मंगेश चव्हाण ने चेतावनी दी है कि यदि डेढ़ माह के भीतर निर्माण कार्य पर लगी रोक नहीं हटाई गई, तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे. शिवसेना ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया, जिसे सभी पार्टी नेताओं और करीब 6,000 नागरिकों का व्यापक समर्थन मिला.
किसानों और प्रशासन के बीच विवाद
पुल के रैंप के लिए आवश्यक भूमि स्थानीय किसानों की है, जिन्होंने इस परियोजना के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की थी. इस याचिका के चलते न्यायालय ने रैंप के निर्माण पर रोक लगा दी. इसका सीधा असर ब्रिज परियोजना पर पड़ा, जो पहले से ही धीमी गति से चल रही थी. इससे न केवल पैदल यात्रियों को बल्कि स्थानीय निवासियों को भी भारी असुविधा हो रही है.
जनता और समर्थकों का रोष
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि लंबे समय से चल रहे इस विवाद का हल न निकालकर प्रशासन ने जनता की परेशानियों को नजरअंदाज किया है. शिवसेना (UBT) गुट ने पहले भी हस्ताक्षर अभियान चलाकर प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस बार प्रदर्शनकारियों का इरादा साफ है कि जब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होता, उनका विरोध जारी रहेगा.
अभियान को मिल रहा भारी समर्थन
धरना प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान को नागरिकों से जोरदार समर्थन मिल रहा है. विरोध में शामिल स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द किसानों के साथ विवाद सुलझाकर इस परियोजना को पूरा करना चाहिए, ताकि उनकी समस्याएं खत्म हो सकें.
शिवसेना की कड़ी चेतावनी
मंगेश चव्हाण ने साफ कर दिया है कि अगर प्रशासन ने डेढ़ माह के भीतर काम शुरू नहीं किया, तो यह प्रदर्शन आमरण अनशन में बदल जाएगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और उनकी मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा.
सोपारा क्रीक ब्रिज का यह विवाद न केवल प्रशासन और किसानों के बीच का है, बल्कि यह जनता की समस्याओं और प्रशासनिक उदासीनता का भी प्रतीक बन चुका है. अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेकर समाधान निकालता है.
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