Updated on: 20 May, 2025 06:11 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कल्याण पूर्व के मंगलाघो नगर इलाके में सप्तश्रृंगी बिल्डिंग के मलबे में चार लोगों के फंसे होने की आशंका है.
प्रतीकात्मक चित्र/फ़ाइल
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मंगलवार दोपहर चार मंजिला आवासीय इमारत का एक हिस्सा ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए, अधिकारियों ने कहा. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कल्याण पूर्व के मंगलाघो नगर इलाके में सप्तश्रृंगी बिल्डिंग के मलबे में चार लोगों के फंसे होने की आशंका है.
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रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि इमारत की दूसरी मंजिल का एक स्लैब ढह गया, जिससे कुछ निवासी फंस गए. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए, और अन्य को बचाने के प्रयास जारी हैं. आपातकालीन प्रतिक्रिया का समन्वय करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी यासीन तड़वी ने कहा, "ठाणे जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को दोपहर करीब 2:55 बजे कॉल आया कि चार मंजिला इमारत का स्लैब गिर गया है." उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में सहायता के लिए ठाणे आपदा प्रतिक्रिया बल (टीडीआरएफ) को बुलाया गया है.
इस बीच, भारी बारिश से तबाह हुए इस शहर में सोमवार को दीवार गिरने से 35 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जबकि विपक्षी भाजपा ने बारिश के मद्देनजर शहर के बुनियादी ढांचे और इसके परिणामस्वरूप नागरिक मुद्दों को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. रिपोर्ट के अनुसार उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि बारिश के दौरान आईटी राजधानी के सामने आने वाली परेशानियां नई नहीं हैं, लेकिन सरकार अब दीर्घकालिक समाधान के साथ उन्हें ठीक करने के लिए काम कर रही है.
शहर में पिछले 24 घंटों में लगभग 104 मिमी बारिश हुई, जिससे कई निचले इलाके जलमग्न हो गए और यातायात जाम हो गया, जिससे भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर तीखा हमला किया. रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व उपमुख्यमंत्री और मल्लेश्वरम के विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने शिवकुमार की आलोचना करते हुए कहा, "करोड़ों खर्च. शून्य परिणाम."
`एक्स` पर उन्होंने कहा, "कल रात की बारिश ने बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे को उजागर नहीं किया, बल्कि पिछले दो सालों में डीके शिवकुमार के कुछ न करने के ट्रैक रिकॉर्ड को उजागर किया." कर्नाटक भाजपा के महासचिव और करकला के विधायक सुनील कुमार करकला ने `एक्स` पर सरकार से पिछले दो सालों में बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे पर वास्तव में कितना खर्च किया गया है, इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "एक बार सिल्क बोर्ड का दौरा करें, आपको अपना वास्तविक योगदान दिखाई देगा."
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