Updated on: 13 July, 2024 11:48 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कल महाराष्ट्र विधान परिषद के 11 सदस्यों के लिए हुए चुनाव में वोट-स्पिनर की भूमिका निभाई.
विधान परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सभी पांच उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. (फोटो सैयद समीर आबेदी द्वारा)
दो साल पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कांग्रेस को हराकर महाराष्ट्र विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव जीता था. राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजीत पवार ने कल महाराष्ट्र विधान परिषद के 11 सदस्यों के लिए हुए चुनाव में वोट-स्पिनर की भूमिका निभाई.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
एनसीपी के पास अपने 40 विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों के साथ कुल 42 वोट थे, लेकिन उसके दो उम्मीदवारों को 47 वोट मिले. पता चला कि ये पांच वोट कांग्रेस के `दादा` कहे जाने वाले अजित पवार ने तोड़े थे. विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा, शिवसेना और राकांपा के सभी नौ उम्मीदवार विजयी रहे, जबकि विपक्षी दलों के महा विकास अघाड़ी के तीन में से दो उम्मीदवार निर्वाचित हुए और शरद पवार समर्थित उम्मीदवार हार गया.
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऐसा लग रहा था कि विधान परिषद चुनाव में भी शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस सत्ताधारी दलों पर हावी रहेंगे; लेकिन महायुति ने एक और सीट जीत ली है. इसलिए तीन महीने बाद होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल में सत्ताधारी पार्टियों का पलड़ा भारी है. कल यह चर्चा शुरू हो गई कि अजित पवार ने विधान परिषद चुनाव में शरद पवार के उम्मीदवार को हराकर बारामती की हार का बदला ले लिया है.
विधान परिषद चुनाव में राजनीतिक दलों की संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सीट के लिए 23 वोटों का कोटा तय किया गया था. 11 सीटों के लिए चुनाव था, लेकिन महायुति ने एक और उम्मीदवार की घोषणा की. विधायकों की संख्या के आधार पर महायुति के 8 उम्मीदवार आसानी से जीत सकते थे, लेकिन 9 उम्मीदवार मैदान में उतारे गए. हालांकि महा विकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के पास एक उम्मीदवार को विधान परिषद में भेजने के लिए पर्याप्त वोट हैं. कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मिलिंद नार्वेकर विजयी रहे, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) द्वारा समर्थित शेतकारी कामगार पार्टी के जयंत पाटिल हार गए.
कल्याण में शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ की गोली मारकर हत्या करने के मामले में जेल में बंद बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ कल जेल से विधान भवन पहुंचे. कांग्रेस ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर गणपत गायकवाड़ को वोट न देने की मांग की थी. राज्य चुनाव आयोग ने इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग से सलाह ली. केंद्रीय चुनाव आयोग ने 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जेल में बंद एनसीपी विधायक रमेश कदम को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा वोट देने की इजाजत देने का उदाहरण देते हुए कहा था कि गणपत गायकवाड़ भी वोट कर सकते हैं. इसलिए गणपत गायकवाड़ ने लाइन में खड़े होकर वोट किया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT