Updated on: 24 April, 2025 03:47 PM IST | Mumbai
Apoorva Agashe
मोने की रिश्तेदार राजश्री अकुल ने कहा कि हम गहरे सदमे में हैं. ऐसा लगता है कि हमारी जिंदगी फिर कभी पहले जैसी नहीं होगी.
23 अप्रैल को डोंबिवली पश्चिम के भागशाला मैदान में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों अतुल मोने, हेमंत जोशी और संजय लेले के सम्मान में एक पोस्टर. तस्वीरें/अपूर्वा अगाशे
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले डोंबिवली पश्चिम के तीन चचेरे भाई अतुल मोने, संजय लेले और हेमंत जोशी के रिश्तेदारों ने मिड-डे को बताया कि वे अभी भी अपने नुकसान से उभर नहीं पाए हैं. मोने की रिश्तेदार राजश्री अकुल ने कहा कि हम गहरे सदमे में हैं. ऐसा लगता है कि हमारी जिंदगी फिर कभी पहले जैसी नहीं होगी.
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चचेरे भाई-बहन अपने परिवारों के साथ इस दुखद घटना से दो दिन पहले अहमदाबाद से जम्मू-कश्मीर के लिए उड़ान भरकर रवाना हुए थे. मोने अपनी पत्नी अनुष्का (35) और 18 वर्षीय बेटी ऋचा के साथ यात्रा कर रहे थे. लेले के साथ उनकी पत्नी कविता (46) और 20 वर्षीय बेटा हर्षल भी थे. जोशी अपनी पत्नी मोनिका (45) और 16 वर्षीय बेटे ध्रुव के साथ थे. उनके रिश्तेदारों के अनुसार, परिवार अपनी यात्रा का आनंद ले रहे थे, लेकिन तभी यह भयावह मोड़ ले गया. राजश्री ने कहा, "हमने हमले के बाद अतुल की पत्नी अनुष्का से बात की. वह बहुत दुखी थी. उसके पति को आतंकवादियों ने पेट में गोली मारी थी और उसकी आंखों के सामने ही उसकी मौत हो गई."
राहुल अकुल ने कहा, "तीनों परिवार डोंबिवली में भागशाला के पास रहते थे. जब हमने टीवी पर खबर देखी कि पहलगाम में हमला हुआ है, तो हम सभी घबरा गए और अनुष्का को फोन किया. उसने फोन नहीं उठाया. फिर अतुल की मौत की खबर हमारी टीवी स्क्रीन पर दिखाई दी, हमने फिर से अनुष्का को फोन किया और उसने कहा कि सब कुछ बदल गया है और वह रो पड़ी". अकुल ने दावा किया कि आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू करने से पहले उनके पीड़ितों से उनका धर्म पूछा था. राहुल ने कहा, "अनुष्का ने कहा कि आतंकवादियों ने पूछा, `यहां हिंदू कौन हैं`, जिस पर संजय ने अपना हाथ उठाया. फिर उसके सिर में गोली लगी और जोशी को सीने में गोली लगी". हर्षल ने हमें बताया कि लड़ाकू वर्दी पहने आतंकवादियों ने लोगों से पूछा कि क्या वे हिंदू हैं और फिर कई बार गोलीबारी की."
राजश्री ने कहा, "हम इस हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं. मोने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था और उसकी बेटी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती है. उसकी इच्छा कौन पूरी करेगा? अनुष्का की जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रहेगी." 62 वर्षीय राजेश प्रसाद ने मिड-डे को बताया कि जोशी परिवार बहुत प्यार करने वाला था.
उन्होंने कहा, "हेमंत और मैं साथ में बैडमिंटन खेलते थे. हम सदमे में हैं. उसका बेटा ध्रुव मेरे अपने बेटे जैसा है. हम दुखी हैं." एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, "हम सदमे में हैं और हेमंत की मौत की खबर पर विचार कर रहे हैं. हमने उससे बात की थी. उसने कहा कि वह एक हफ्ते में वापस आ जाएगा. हम उनके अंतिम संस्कार के लिए परिवार के साथ समन्वय कर रहे हैं." मोने, लेले और जोशी के शवों को डोंबिवली लाया जा रहा है.
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