Updated on: 03 September, 2024 09:30 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
लड़की बहन योजना के तहत वंचित महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये वजीफा दिया जाता है.
महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को इस योजना का दूसरा चरण शुरू किया. तस्वीर/सीएमओ
महाराष्ट्र सरकार ने लड़की बहन योजना के तहत नामांकन की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक बढ़ा दी है, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया. लड़की बहन योजना के तहत वंचित महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये वजीफा दिया जाता है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार योजना के तहत नामांकन की अंतिम तिथि शुरू में 31 जुलाई थी, जिसे संभावित लाभार्थियों की ओर से बड़ी संख्या में आवेदन मिलने के कारण 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. अदिति तटकरे ने कहा कि योजना को मिली प्रतिक्रिया को देखते हुए पात्र महिलाओं द्वारा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है.
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रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के कल्याण के लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख योजना मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना की घोषणा जून के अंत में पेश किए गए राज्य बजट में की गई थी. इससे राज्य के खजाने पर सालाना 46,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की उम्मीद है. इस योजना के तहत 21-65 वर्ष की विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे, जबकि लाभार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये तक सीमित होगी. सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल - भाजपा, राकांपा और शिवसेना - नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना का बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं.
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि माझी लड़की बहन योजना का दायरा बढ़ाकर 2.5 करोड़ महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जबकि राज्य सरकार ने अब तक 1.7 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित की है. मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे की मौजूदगी में यहां रेशमबाग मैदान में योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ किया. शिंदे ने आगे कहा, "हम सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए. हम किसान परिवार से हैं. गरीबी का अनुभव करने के बाद, हम समझ गए कि इस तरह की योजना क्यों जरूरी है. हम 1,500 रुपये की कीमत जानते हैं."
लड़की बहन योजना 21-60 आयु वर्ग की विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है, जिसमें 2.5 लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय सीमा होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने योजना के पहले चरण में 1.7 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में पैसा जमा किया है. मुख्यमंत्री शिंदे ने योजना की आलोचना करने के लिए विपक्ष की भी आलोचना की, उन्होंने दावा किया कि इस योजना ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
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