यह अभियान 2 अक्टूबर, महात्मा गांधी जयंती तक चलेगा और इसका उद्देश्य राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में `स्वभाव स्वच्छता - संस्कार स्वच्छता` की अवधारणा को लागू करना है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने इस अभियान में सभी नागरिकों की भागीदारी की अपील की और बताया कि इस पहल के तहत आर.आर.आर. (Reduce, Reuse, Recycle) केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, और पर्यटन स्थलों पर `शून्य अपशिष्ट` कार्यक्रम लागू किया जा रहा है.
`एक पेड़ मां के नाम` पहल के तहत वृक्षारोपण और सौंदर्यीकरण का काम भी जारी है.
इसके साथ ही उन क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां नियमित रूप से सफाई नहीं होती और इन्हें साफ रखने के लिए तीन सूत्रीय योजना बनाई गई है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में महाराष्ट्र किसी भी तरह से पीछे नहीं रहेगा और राज्य को स्वच्छता के मामले में देश में नंबर एक स्थान दिया गया है.
इस अभियान के तहत मुंबई नगर निगम ने मानसून के दौरान डेढ़ लाख पेड़ लगाए हैं और 9359 कार्यक्रम पंजीकृत किए गए हैं. सीटीयू (स्वच्छता लक्ष्य इकाई) के तहत 4520 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां से कचरा उठाया जाएगा.
जनसहभागिता के 4111 कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह स्वच्छता अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नागरिकों के व्यवहार में स्थायी बदलाव लाने का प्रयास है.
उन्होंने स्वच्छता को सेवा और जिम्मेदारी के रूप में अपनाने की अपील की, ताकि राज्य के हर कोने को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए नागरिकों, संस्थाओं और प्रशासन के समन्वित प्रयास आवश्यक हैं, ताकि स्वच्छ और स्वस्थ महाराष्ट्र का सपना साकार हो सके.
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