पुलिस अधिकारियों ने सीपीआर के सही तरीकों के साथ-साथ आपातकालीन स्थितियों में तत्काल प्रतिक्रिया देने का प्रशिक्षण प्राप्त किया. (Pic/Shadab Khan)
डॉक्टरों ने बताया कि सड़क हादसों या अचानक हार्ट अटैक जैसी स्थिति में पुलिस कर्मियों की त्वरित प्रतिक्रिया मरीज की जान बचाने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है.
इस मौके पर यातायात निरीक्षक ने कहा कि पुलिस कर्मियों को न केवल ट्रैफिक नियंत्रण और कानून लागू करने में कुशल होना चाहिए, बल्कि वे नागरिकों की जान बचाने के लिए भी तत्पर रहें.
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से अधिकारियों को आपातकालीन परिस्थितियों में आत्मविश्वास मिलेगा और उन्हें सीपीआर देने में सक्षम बनाएगा.
लीलावती अस्पताल की टीम ने अधिकारियों को वास्तविक जीवन पर आधारित डेमो और प्रैक्टिकल सेशन के माध्यम से सीपीआर की बारीकियों से परिचित कराया.
प्रशिक्षण में शामिल सभी अधिकारियों ने इसे बेहद उपयोगी और समय की जरूरत बताया.
इस पहल के जरिए मुंबई पुलिस ने यह संदेश दिया कि सुरक्षा और जीवन रक्षा दोनों ही उनकी प्राथमिकता हैं.
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