इस बार रावण पुतला बनाने के लिए नोएडा (उत्तर प्रदेश) से कारीगर और मजदूर मुंबई आए हैं. (PIC/ASHISH RAJE)
इन कलाकारों ने दशकों के अनुभव के साथ रावण के पुतले को निर्माण करने का काम संभाला है.
रावण के पुतले को काले कपड़ों में तैयार किया जाएगा ताकि उसका भव्य और डरावना रूप उभर कर सामने आए.
इसके अलावा, अन्य पुतलों को रंग-बिरंगी पोशाकें पहनाई जा रही हैं, जो पूरे महाकाव्य रामलीला के दृश्य को और जीवंत बनाएंगी.
गिरगांव की रामलीला इस क्षेत्र में दशकों से आयोजित की जाती रही है और यह न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और कला का भी प्रदर्शन करती है.
इस आयोजन में केवल पुतले ही नहीं, बल्कि रामलीला के पात्रों के जीवंत अभिनय और कथाओं का मंचन भी शामिल है.
प्रत्येक पात्र की पोशाक, मेकअप और पुतले की सजावट पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि दर्शकों को असली महाभारत और रामायण का अनुभव हो.
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. भीड़ के नियंत्रण, आग बुझाने के उपकरण और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की व्यवस्था की गई है.
इस बार आयोजकों ने सभी सुरक्षा और आग बुझाने के मानकों का पालन करने की विशेष योजना बनाई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
दशहरे पर रावण दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है. गिरगांव के स्थानीय निवासी और मुंबई के सैकड़ों पर्यटक इस उत्सव का हिस्सा बनकर इस पारंपरिक संस्कृति का अनुभव कर रहे हैं.
रावण पुतला दहन के साथ ही यह कार्यक्रम लोगों के लिए आनंद, शिक्षा और सांस्कृतिक मनोरंजन का अवसर भी बनता है.
इस प्रकार, इस साल भी गिरगांव की रामलीला और रावण दहन मुंबई में दशहरे के महापर्व का मुख्य आकर्षण बनने की पूरी तैयारी कर रही है.
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