इस दौरान महायुती के अन्य कार्यकर्ता, नेता और समर्थक भी भारी संख्या में मौजूद थे, जिन्होंने अपने उम्मीदवार को प्रोत्साहन दिया और उनके समर्थन में नारेबाजी की.
इस चुनाव में सभी पार्टियां अपनी ओर से उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही हैं और अंतिम दिन तक प्रत्याशियों की सूची जारी की जा रही थी. महायुती (भाजपा, शिवसेना, रिपब्लिकन पार्टी) और महाविकास आघाड़ी के बीच मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है, और दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची पर आखिरी समय तक काम किया.
महायुती और महाविकास आघाड़ी के बीच इस चुनाव में कांटे की टक्कर होने की संभावना है. जहां एक ओर महायुती ने भाजपा और शिवसेना के साथ रिपब्लिकन पार्टी को भी गठबंधन में शामिल किया है,
वहीं दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी ने कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) को साथ लाकर अपना गठबंधन मजबूत किया है. दोनों गठबंधनों ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए इस चुनाव में ताकत झोंक दी है.
इस बार के चुनाव में महायुती के द्वारा विभिन्न समुदायों के समर्थन को जुटाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें रिपब्लिकन पार्टी की भूमिका भी महत्वपूर्ण है.
रामदास आठवले के नेतृत्व में रिपब्लिकन पार्टी ने दलित और वंचित समुदायों में अपनी पकड़ मजबूत की है, और महायुती को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है.
अंतिम नामांकन के साथ ही अब सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में पूरी तरह जुट गए हैं. अब देखना होगा कि जनता किस गठबंधन और किस उम्मीदवार पर अपना विश्वास जताती है, और महाराष्ट्र में अगली सरकार किसकी बनती है.
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