उन्होंने गणपतराव कदम मार्ग/वीर संताची लेन, सास्मिरा मार्ग, जे बी टेमकर मार्ग और मेटल बॉक्स लेन दूरदर्शन वर्ली जैसे भीड़भाड़ वाले हिस्सों का जायजा लिया, जहां सड़कें खुदी हुई हैं और कार्य अधूरे पड़े हैं.
ठाकरे ने प्रशासन की अनदेखी पर नाराजगी जताते हुए राज्य की महायुति सरकार, विशेष रूप से शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथों लिया.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मानसून नजदीक है, लेकिन मुंबई की सड़कों पर कंक्रीट बिछाने का काम अधूरा है. हर जगह सड़कें खोदी गई हैं, जिससे नागरिकों को भारी यातायात जाम का सामना करना पड़ता है."
उन्होंने आगे कहा, “मैंने आज वर्ली विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया और अधूरे पड़े कार्यों के तकनीकी पहलुओं व समयसीमा पर चर्चा की.
नागरिकों को हो रही असुविधा को देखते हुए मैं बीएमसी से अनुरोध करता हूं कि कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कर शहरवासियों को राहत दी जाए.”
मीडिया से बातचीत में आदित्य ठाकरे ने बीजेपी-शिंदे सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई नगर निगम के प्रशासनिक शासन का दुरुपयोग हो रहा है और ठेकेदारों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है.
“नगर निगम के अधिकारी काम करना चाहते हैं, लेकिन ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर भाग जाते हैं. 15 जनवरी 2023 को मैंने सड़क घोटाले का मुद्दा उठाया था, और 2024 में भी वही घोटाला दोहराया गया,” ठाकरे ने कहा.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शहरी विकास मंत्री की बैठक के दौरान उन्होंने मुश्किल सवालों से बचने के लिए बैठक शुरू होते ही वहां से निकल जाना बेहतर समझा.
ठाकरे ने प्रशासन से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए जल्द से जल्द अधूरे कार्यों को पूरा करने की अपील की.
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