विशेष रूप से बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में AQI 300 से ऊपर पहुंच गया और इसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया. (PICS: ASHISH RAJE)
CPCB के अनुसार, AQI के स्तर को इस तरह बांटा गया है:
- 0-50: अच्छा (हरा)
- 51-100: संतोषजनक (हरा)
- 101-200: मध्यम (पीला)
- 300 से ऊपर: बहुत खराब (लाल)
‘मध्यम’ श्रेणी में संवेदनशील लोगों को भारी मेहनत और बाहरी काम से बचने की सलाह दी जाती है.
‘खराब’ श्रेणी में हृदय और फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, जबकि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में सभी को भारी परिश्रम कम करना चाहिए और संवेदनशील समूह जैसे बच्चे, वृद्ध और बीमार पूरी तरह बाहरी गतिविधियों से बचें.
शहर में AQI का विस्तृत हाल: शुक्रवार शाम से रविवार शाम तक 48 घंटे के दौरान मुंबई के कई इलाकों में AQI 150 से ऊपर दर्ज किया गया. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र BKC रहा (300 से ज्यादा),
इसके बाद कोलाबा (210), देवनार (207), खेरवाड़ी (214), मज़गांव (196), शिवाजी नगर, चेंबूर (169), मलाड (162) और भायखला (161) शामिल हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रात 10 बजे से सुबह 1 बजे के बीच और शाम के समय रहती है. पर्यावरणविद् ऋषि अग्रवाल ने बताया, “सर्दियों में हवा में स्थिरता और कम हवाओं के कारण प्रदूषण और बढ़ जाता है. यही वजह है कि आधी रात या सुबह AQI सबसे ज्यादा खराब होता है.”
विश्व स्तर पर मुंबई का स्थान: IQAir के अनुसार, अकेले इस सप्ताहांत में मुंबई दुनिया के छठे सबसे प्रदूषित शहर से दूसरे स्थान पर पहुंच गया, AQI 171 के साथ. दिल्ली पहले स्थान पर रहा (184 AQI), जबकि कोलकाता तीसरे नंबर पर रहा. IQAir 126 शहरों का तुलनात्मक डेटा प्रदान करता है.
मुख्य प्रदूषक और कारण: CPCB के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई की हवा में PM2.5 और PM10 सबसे प्रमुख प्रदूषक रहे, इसके बाद NO2 का स्थान रहा. विशेषज्ञों ने बताया कि दिवाली के अवसर पर जलाए जाने वाले पटाखे इन प्रदूषकों की मात्रा और विषाक्तता दोनों को बढ़ा देते हैं.
आवाज़ फ़ाउंडेशन की सुमैरा अब्दुलाली ने कहा, “बारिश ही मुंबई में प्रदूषण कम करने का सबसे प्रभावी प्राकृतिक तरीका है. लेकिन जैसे ही मानसून समाप्त होता है और त्योहारों का मौसम शुरू होता है, पूरा शहर पटाखों और निर्माण धूल से प्रदूषित हो जाता है. यह सर्दियों में वायु गुणवत्ता बिगड़ने का मुख्य कारण बनता है.”
अब्दुलाली ने आगे चेतावनी दी कि पिछले साल मुंबई ने दिल्ली को पीछे छोड़ते हुए अधिक प्रदूषित शहर बनने का अनुभव किया था. उन्होंने कहा, “यह सांत्वना की बात नहीं है कि दिल्ली की हवा अभी मुंबई से भी खराब है. अगर समय पर उपाय नहीं किए गए, तो हम भी जल्दी उसी स्थिति का सामना कर सकते हैं.”
नागरिकों के लिए सुझाव
- त्योहारों और पटाखों के दौरान सुरक्षा मास्क का उपयोग करें.
- यदि संभव हो, शुद्ध हवा वाले कमरे में रहें.
- शहर में वाहनों और निर्माण कार्यों से निकलने वाले धूल कणों के संपर्क को कम करें.
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