माटुंगा में मध्य रेलवे के माटुंगा स्टेशन और पश्चिमी रेलवे के माटुंगा रोड स्टेशन को जोड़ने वाला यह पुल लंबे समय से यात्रियों के लिए एक आवश्यक मार्ग रहा है. (Pics: Pics/Ashish Raje)
पहले का जेड ब्रिज, जो लगभग एक सदी पुराना था, जर्जर स्थिति के कारण एक साल पहले बंद कर दिया गया था.
अब इसे आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्निर्मित किया गया है. नया पुल ऊंचा और चौड़ा होने के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.
इस इलाके में कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान जैसे रुइया, रूपारेल, खालसा, वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (VJTI) और वेलिंगकर स्थित हैं, जिनमें हजारों छात्र पढ़ते हैं.
साथ ही, यहां एक व्यस्त सब्जी और फूल बाजार, मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं, जिससे इस पुल की उपयोगिता और बढ़ जाती है.
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि नए पुल को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है. इसमें उच्च रोशनी क्षमता वाली बेहतर लक्स स्तरों की रोशनी लगाई गई है,
जिससे रात में यात्रियों को अधिक सुरक्षा और सुविधा मिलेगी. इसके अलावा, पुराने ओपन-एयर ब्रिज के विपरीत, इसमें छत भी होगी.
यह छत मूल रूप से बीएमसी योजना का हिस्सा नहीं थी, लेकिन माटुंगा कार्यशाला क्षेत्र में क्रेन की गतिविधियों के कारण दुर्घटनाओं से बचाव के लिए इसे जोड़ा गया है.
पिछले पुल की तुलना में यह नया ब्रिज पूरी तरह से रेल कार्यशाला से सटा नहीं होगा, जिससे यात्रियों को और अधिक स्थान मिलेगा.
यह पुल केवल मध्य रेलवे के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शहर के लाखों यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा सिद्ध होगा.
रेलवे और स्थानीय प्रशासन इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए सक्रिय हैं, जिससे माटुंगा के यात्रियों को जल्द ही इस नए, मजबूत और आधुनिक ब्रिज का लाभ मिल सके.
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