Pics/Ashish Raje
एल्फिंस्टन ब्रिज का हटना सेवरी–वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर के निर्माण के लिए आवश्यक है.
यह नया कनेक्टर बांद्रा–वर्ली सी लिंक और कोस्टल रोड को मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (अटल सेतु) से जोड़ेगा, जिससे शहर के पूर्व–पश्चिम मार्गों में बेहतर कनेक्टिविटी आएगी और ट्रैफ़िक जाम में राहत मिलेगी.
स्थानीय यात्रियों और ऑफिस जाने वालों के लिए यह बदलाव चुनौतीपूर्ण है.
दशकों से इस्तेमाल होने वाले इस मार्ग पर अब वाहन मार्ग और पैदल रास्ते बदल दिए गए हैं. रेलवे और नगर निगम ने ट्रैफ़िक डायवर्जन और अस्थायी पुल बनाए हैं, ताकि दैनिक यात्रियों को परेशानी कम हो.
इतिहासकारों और पुरातत्व प्रेमियों ने इस कदम को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि यह ब्रिज सिर्फ़ यातायात का माध्यम नहीं था,
बल्कि मुंबई के औपनिवेशिक वास्तुकला और पुराने निर्माण की पहचान भी था. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि डेमोलिशन के दौरान सुरक्षा और पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
पहले चरण में ब्रिज के स्तंभों और किनारों पर खुदाई और मजबूती के परीक्षण किए जा रहे हैं. इसके बाद मुख्य संरचना को धीरे-धीरे हटाया जाएगा.
अधिकारी यह भी बता रहे हैं कि पूरी प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी कर ली जाएगी, ताकि नया एलिवेटेड कनेक्टर समय पर बनकर तैयार हो सके.
शहर के ट्रैफ़िक सुधार और बेहतर कनेक्टिविटी के लिहाज से यह परियोजना अहम मानी जा रही है.
मुंबईकरों को उम्मीद है कि एल्फिंस्टन ब्रिज की विदाई के बाद आने वाला बदलाव शहर के रोज़मर्रा के ट्रैफ़िक अनुभव को सहज और सुरक्षित बनाएगा.
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