धारावी की गलियां, जहां आमतौर पर कचरे और गंदगी के ढेर देखने को मिलते हैं, वहां आज नजारा कुछ और ही था. (Pics / Sameer Abedi)
धारावी में राहुल गांधी दौरे से पहले BMC कर्मचारी अचानक झाड़ू लेकर सड़कों पर उतर आए, गड्ढों को ढंका जाने लगा, सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया.
इलाके को साफ-सुथरा दिखाने की पूरी कोशिश की गई. यह सब राहुल गांधी के दौरे से ठीक पहले हुआ.
क्या यह आम धारावीवासियों के लिए था, या सिर्फ एक बड़े नेता को खुश करने का दिखावा?
राहुल गांधी धारावी में चमड़ा कामगारों से मुलाकात करेंगे और धारावी पुनर्विकास परियोजना से जुड़ी उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करेंगे.
धारावी के हजारों लोग इस योजना को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि इसमें उनकी आजीविका और आवास का सवाल है.
धारावी के निवासी इस से खुश नहीं हैं. "नेता लोग आते हैं, चमक-धमक होती है, लेकिन जैसे ही वे चले जाते हैं, हमारी ज़िंदगी फिर वही कचरे और टूटी सड़कों में लौट जाती है," एक स्थानीय निवासी ने कहा.
यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता के दौरे से पहले सड़कों की किस्मत चमकी हो. चुनावों और बड़े नेताओं की यात्राओं के दौरान प्रशासन अपनी सुस्ती छोड़कर एकदम एक्टिव हो जाता है.
लेकिन असली सवाल यह है कि आम जनता को ऐसी सुविधाएं नियमित रूप से क्यों नहीं मिलतीं?
राहुल गांधी के दौरे से धारावी के कामगारों की वास्तविक परेशानियां हल होंगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है.
लेकिन BMC और महाराष्ट्र सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया—लोगों की समस्याएं बाद में, दिखावा पहले.
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