आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि यह निर्णय बैंक की वित्तीय स्थिति और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. (Pics /NIMESH DAVE)
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बैंक के कामकाज पर कई सख्त प्रतिबंध लगा दिए, जिसमें धन निकासी, नए ऋण जारी करने, जमा स्वीकार करने, निवेश करने और किसी भी संपत्ति की बिक्री पर रोक शामिल है.
अचानक लगे इन प्रतिबंधों के बाद बैंक के ग्राहक असमंजस में हैं और जल्द से जल्द अपनी जमा राशि निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
बैंक की विभिन्न शाखाओं के बाहर लंबी कतारें लगी हैं, जहां जमाकर्ता अपनी पूंजी को लेकर चिंता और असमंजस में नजर आ रहे हैं. कुछ ग्राहकों ने आरबीआई के फैसले का स्वागत किया, जबकि कई लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की.
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह कदम नियमित निरीक्षण और बैंकिंग मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
नियामक संस्था ने कहा कि बैंक की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कदम अनिवार्य था ताकि बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता बनी रहे और जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित रहें.
पिछले कुछ वर्षों में कई सहकारी बैंकों पर आरबीआई ने सख्त कार्रवाई की है. पीएमसी बैंक, सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक और कुछ अन्य बैंकों पर भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे.
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि नियामक संस्थाओं की ऐसी कार्रवाइयों से जमाकर्ताओं का विश्वास बना रहेगा और बैंकिंग प्रणाली अधिक पारदर्शी होगी.
आरबीआई ने कहा है कि बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जा रही है, और यदि आवश्यक सुधार किए जाते हैं तो प्रतिबंधों पर पुनर्विचार किया जा सकता है.
बैंक के जमाकर्ताओं को सलाह दी गई है कि वे घबराएं नहीं और आरबीआई के निर्देशों का पालन करें. हालांकि, ग्राहकों को अपने धन की सुरक्षा को लेकर अब भी चिंता बनी हुई है और वे जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.
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