इस कार्यक्रम में अन्नाभाऊ साठे की प्रतिमा को फूलों की माला पहनाई गई और उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को याद किया गया.
अन्नाभाऊ साठे के समर्थकों ने इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को नमन किया.
साहित्य रत्न अन्नाभाऊ साठे की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा, `महाराष्ट्र साधु-संतों, समाज सुधारकों और महापुरुषों की भूमि है. राज्य छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज, महात्मा फुले, महापुरुष डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जैसे महापुरुषों के विचारों पर चल रहा है, और इसी भूमि पर लोकतांत्रिक अन्नाभाऊ साठे का जन्म हुआ.`
उन्होंने आगे कहा, `अन्नाभाऊ साठे ने अपनी कलम से समाज को हकीकत दिखाई. उन्होंने अपनी कहानियों और कादंबरी के माध्यम से सामाजिक, राजनीतिक और परिस्थिति को लोगों के सामने प्रस्तुत करते हुए मानवीय संबंधों की जटिलताओं का भी वर्णन किया है.`
कार्यक्रम में सांसद वर्षा गायकवाड़ ने बताया कि `अन्नाभाऊ साठे का साहित्य परिवर्तन का उत्प्रेरक रहा है. महाराष्ट्र के समग्र निर्माण और परिवर्तन में अन्नाभाऊ साठे के साहित्य का योगदान महत्वपूर्ण है.`
वर्षा गायकवाड़ ने यह भी कहा, `महापुरुषों द्वारा स्थापित आदर्शों का पालन किया जाना चाहिए और उनकी जयंती और पुण्य तिथि पर सिर्फ माला पहनाने तक ही सीमित न रहकर उनके विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए.`
इस अवसर पर राकांपा नेता रवींद्र पवार, पूर्व नगरसेविका आशाताई मराठे, कचरू यादव, जिला अध्यक्ष फकीरा उकंडे, सरोजनी सकटे, देवेन्द्र खालसे, सुदाम अवाडे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे ने अपने लेखन के माध्यम से वास्तविक जीवन का एक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करना सिखाया और राज्य के सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया.
साहित्य रत्न डेमोक्रेट अन्नाभाऊ साठे ने अपना जीवन मानवता और शोषण से मुक्ति के लिए समर्पित कर दिया. यह बात मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कही.
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