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रेल दुर्घटनाओं में 21,803 लोगों की मौत, NCRB ने आंकड़े किए जारी

Updated on: 01 October, 2025 03:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

कुल रेल दुर्घटनाओं में से 56 मामले चालक की गलती के कारण हुए, जबकि 43 घटनाएँ यांत्रिक दोषों के कारण हुईं, जिनमें ट्रैक की खराबी या पुल और सुरंग का ढहना शामिल है.

ज़्यादातर दुर्घटनाएँ (3,771 मामले) शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच हुईं, जो कुल रेल दुर्घटनाओं का 15.3 प्रतिशत है. प्रतीकात्मक तस्वीर

ज़्यादातर दुर्घटनाएँ (3,771 मामले) शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच हुईं, जो कुल रेल दुर्घटनाओं का 15.3 प्रतिशत है. प्रतीकात्मक तस्वीर

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चला है कि 2023 में भारत भर में 24,678 रेल दुर्घटनाओं में कुल 21,803 लोग मारे गए, जिनमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कुल रेल दुर्घटनाओं में से 56 मामले चालक की गलती के कारण हुए, जबकि 43 घटनाएँ यांत्रिक दोषों के कारण हुईं, जिनमें खराब डिज़ाइन, ट्रैक की खराबी या पुल और सुरंग का ढहना शामिल है.

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश दुर्घटनाएँ - 74.9 प्रतिशत (24,678 में से 18,480) - ऐसी घटनाएँ थीं जिनमें यात्री ट्रेन से गिर गए या "पटरियों पर लोगों से टकरा गए". इन घटनाओं में 15,878 मौतें हुईं, जो 2023 में कुल रेल दुर्घटनाओं में हुई मौतों का 72.8 प्रतिशत है. महाराष्ट्र में ऐसी दुर्घटनाओं की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, जहाँ "ट्रेन से गिरने या पटरी पर टकराने" की सभी घटनाओं का 29.8 प्रतिशत (5,507 मामले) हुआ.


कुल मिलाकर, 2023 में 24,678 रेल दुर्घटनाएँ हुईं, जो 2022 में दर्ज 23,139 मामलों की तुलना में 6.7 प्रतिशत अधिक है. इन दुर्घटनाओं में कुल 3,014 लोग घायल भी हुए, जिनमें से अकेले महाराष्ट्र में 2,115 लोग घायल हुए. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में सबसे अधिक 22.5 प्रतिशत (5,559 मामले) रेल दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश में 13 प्रतिशत (3,212 मामले) दर्ज किए गए. इन दोनों राज्यों में सबसे अधिक मौतें भी हुईं, महाराष्ट्र में 3,445 मौतें (15.8 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश में 3,149 मौतें (14.4 प्रतिशत) हुईं.


समय के संदर्भ में, अधिकांश दुर्घटनाएँ (3,771 मामले) शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच हुईं, जो सभी रेल दुर्घटनाओं का 15.3 प्रतिशत है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच 3,693 दुर्घटनाएँ हुईं, जो कुल दुर्घटनाओं का 15 प्रतिशत है. रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे द्वारा रिपोर्ट की गई दुर्घटनाएँ कई कारणों से हुईं, जिनमें चालक की गलती, तोड़फोड़, सिग्नलमैन की त्रुटियाँ, यांत्रिक खराबी और अन्य कारण शामिल हैं.

रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई, जहाँ 41.3 प्रतिशत (2,483 मामलों में से 1,025) दुर्घटनाएँ हुईं, इसके बाद पश्चिम बंगाल (32.4 प्रतिशत, 805 मामले) और मध्य प्रदेश (15.1 प्रतिशत, 375 मामले) का स्थान रहा. इन तीन राज्यों में क्रॉसिंग दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें भी हुईं: उत्तर प्रदेश (1,007 मौतें, 44.9 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (581 मौतें, 25.9 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (375 मौतें, 16.7 प्रतिशत).


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