मंडल ने इस बार महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्यक्रम ‘खेळूया खेळ पैठणीचा’ का आयोजन किया.
इसके अलावा, बच्चों और युवाओं के लिए लकी ड्रा, ड्रेस अप, वेश भूषा प्रतियोगिताएँ और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, ताकि नवरात्र का उत्सव सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए मनोरंजन और सहभागिता का माध्यम बने.
‘कूर्ल्याची आईमाऊली’ की सजावट की जिम्मेदारी मंगेश थोराट, सोहम शिकारे, अभिषेक साल्वी, अनिल गुडिल, केतन सपकाल, जीतू गुप्ता और प्रणव कांबले जैसे अनुभवियों के कंधों पर थी.
उन्होंने नौ दिनों तक अलग-अलग थीम पर देवी की पूजा स्थल को सजाया, जिससे हर दिन का रूप और माहौल नए अंदाज में प्रस्तुत हुआ.
उनकी मेहनत और रचनात्मकता ने मंडल के भक्तों और उत्साही लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
उन्होंने नौ दिनों तक अलग-अलग थीम पर देवी की पूजा स्थल को सजाया, जिससे हर दिन का रूप और माहौल नए अंदाज में प्रस्तुत हुआ.
उनकी मेहनत और रचनात्मकता ने मंडल के भक्तों और उत्साही लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
मंडल के अध्यक्ष गणेश कुम्हार ने कहा, “हमारे लिए यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि सामुदायिक एकजुटता, संस्कृति और परंपरा का जश्न है. हमारी कोशिश रहती है कि हर वर्ष नवरात्र उत्सव को और भी भव्य और सजीव बनाया जाए, ताकि लोग देवी के नौ रूपों की भव्यता का आनंद ले सकें.”
इस नवरात्र उत्सव में उपस्थित भक्तों ने भी देवी की भव्य सजावट और मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की सराहना की.
नौ दिनों तक चलने वाले यह आयोजन न केवल धार्मिक भावना से परिपूर्ण रहा, बल्कि सांस्कृतिक विविधताओं और मनोरंजन का अनुभव भी प्रदान करता रहा.
‘श्री गणेश क्रीड़ा मंडल’ का यह 19वाँ नवरात्र उत्सव इस क्षेत्र के लिए हर साल की तरह एक यादगार और विशेष अनुभव साबित हुआ.
मंडल के आयोजनों ने दर्शकों और भक्तों को नवरात्र के त्योहार का सजीव और उत्साही अनुभव दिया.
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