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अमित शाह ने की इसरो की तारीफ, कहा- `भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बनने को अग्रसर`

Updated on: 31 December, 2024 02:09 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है.

पीएसएलवी-सी60. (चित्र/इसरो)

पीएसएलवी-सी60. (चित्र/इसरो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को स्पैडेक्स मिशन के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी और इसे एक अभूतपूर्व उपलब्धि बताया, जो अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बनने की दिशा में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाती है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि स्पैडेक्स मिशन के सफल प्रक्षेपण पर टीम इसरो को बधाई. पोस्ट में कहा गया, "यह एक शानदार सफलता है, जो अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में भारत के लिए एक नया रास्ता खोलती है और अंतरिक्ष में वैश्विक नेता के रूप में इसकी भूमिका को मजबूत करती है. आगे की यात्रा के लिए हमारी प्रतिभाओं को मेरी शुभकामनाएं." 

रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से स्पैडेक्स और अभिनव पेलोड के साथ पीएसएलवी-सी60 लॉन्च किया. मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रात ठीक 10:00:15 बजे लॉन्च किया गया. इसरो का का मिशन ऐतिहासिक है क्योंकि यह अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को डॉक करने या विलय करने या एक साथ जोड़ने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल करना चाहता है. इस परियोजना को "स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट" (SpaDeX) नाम दिया गया है. पहले चरण में प्रदर्शन सामान्य है. SpaDeX मिशन एक कम लागत वाला प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है जो अंतरिक्ष में डॉकिंग का प्रदर्शन करने के लिए PSLV द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करता है.


SpaDeX मिशन का मुख्य लक्ष्य दो छोटे अंतरिक्ष यान (SDX02, नाममात्र लक्ष्य, और SDX01, चेज़र) को कम-पृथ्वी वृत्ताकार कक्षा में मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक का निर्माण और परीक्षण करना है. रिपोर्ट के अनुसार "भारतीय डॉकिंग सिस्टम" इस उद्देश्य के लिए उपयोग की जाने वाली स्वदेशी तकनीक है; केवल कुछ ही देशों ने तकनीकी चुनौती में सफलतापूर्वक महारत हासिल की है.


विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने पहले कहा था, "इस मिशन की सफलता भारत की भविष्य की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है". रिपोर्ट के मुताबिक डॉकिंग तकनीक "चंद्रयान-4" और नियोजित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे दीर्घकालिक मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है. यह अंततः मानवयुक्त "गगनयान" मिशन के लिए भी महत्वपूर्ण है.


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