Updated on: 08 August, 2025 06:05 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने पुष्टि की कि हाल के दिनों में हिंदू समुदाय पर लक्षित हमलों और उनके पूजा स्थलों को अपवित्र करने के मामले सरकार के संज्ञान में आए हैं.
संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन. फाइल फोटो/पीटीआई
शुक्रवार को लोकसभा में दिए गए एक बयान के अनुसार, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदुओं पर हमलों और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को स्वीकार किया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने पुष्टि की कि हाल के दिनों में हिंदू समुदाय पर लक्षित हमलों और उनके पूजा स्थलों को अपवित्र करने के मामले सरकार के संज्ञान में आए हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक सिंह ने खुलासा किया कि पिछले साल से अमेरिका में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की पाँच घटनाएँ सामने आई हैं, उन्होंने आगे कहा कि यूनाइटेड किंगडम में भी ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं, हालाँकि स्कॉटलैंड में ऐसा कोई मामला विशेष रूप से सामने नहीं आया है. जब उनसे स्कॉटलैंड में हिंदू-विरोधी गतिविधियों को संबोधित करने या उनकी निंदा करने के लिए किसी विधायी या संसदीय प्रस्ताव पर चर्चा के बारे में पूछा गया, तो सिंह ने कहा कि "स्कॉटिश संसद में हिंदू-विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है."
विदेशों में हिंदुओं के प्रति भेदभाव और धार्मिक असहिष्णुता की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए, सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि विदेश मंत्रालय ऐसे मामलों में मेजबान सरकारों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत करता है. रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने स्पष्ट किया, "जब भी ऐसी घटनाएँ हमारे ध्यान में लाई जाती हैं, तो मामले को तुरंत संबंधित सरकारी अधिकारियों के समक्ष उठाया जाता है. ऐसा प्रभावित व्यक्तियों और संगठनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उचित कानूनी उपाय करने के लिए किया जाता है."
इस मुद्दे ने भारतीय सांसदों और प्रवासी समुदाय, दोनों के बीच चिंता पैदा कर दी है, खासकर विभिन्न पश्चिमी लोकतंत्रों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर किए जाने वाले घृणा अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए. रिपोर्ट के मुताबिक भारत इन घटनाक्रमों पर लगातार नज़र रख रहा है और वैश्विक भारतीय समुदाय के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. उसने मेजबान देशों से ऐसे कृत्यों को उचित गंभीरता से लेने का आग्रह किया है.
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