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गढ़चिरौली में पुलिस और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़, कमांडर सहित चार की मौत

Updated on: 24 May, 2025 11:29 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने माओवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ की जिसमें शीर्ष माओवादी कमांडर समेत चार लोग मारे गए.

Pic/Gadchiroli Police

Pic/Gadchiroli Police

पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर समेत चार लोग मारे गए.

बताया गया कि महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर भामरागढ़ उप-मंडल के अंतर्गत कवांडे गांव के पास घने जंगलों में माओवादियों और गढ़चिरौली पुलिस तथा सीआरपीएफ के बीच भीषण मुठभेड़ हुई.


पुलिस के अनुसार, विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई करते हुए, सी-60 कमांडो यूनिट तथा 113 बटालियन सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम को 22 मई 2025 को इलाके में भेजा गया.


पुलिस अधिकारियों ने बताया, "कठोर मौसम तथा कठिन वन क्षेत्र के बावजूद, टीम ने करीब 36 घंटे तक अपनी तलाश जारी रखी."

मुठभेड़ के बारे में बताते हुए पुलिस ने बताया कि 23 मई की सुबह करीब 7 बजे जंगल में छिपे माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. पुलिस द्वारा उन्हें आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दिए जाने के बावजूद, माओवादियों ने गोलीबारी जारी रखी. आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद करीब दो घंटे तक मुठभेड़ चली.


मुठभेड़ के बाद पुलिस ने चार माओवादियों - दो पुरुष और दो महिला - के शव बरामद किए, साथ ही चार हथियार भी बरामद किए, जिनमें एक एसएलआर, दो .303 राइफल और एक देशी बन्दूक शामिल है. पुलिस ने घटनास्थल से वॉकी-टॉकी, माओवादी साहित्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी जब्त की हैं.

मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान बाद में भामरागढ़ दलम के कमांडर सन्नू मासा पुंगती (35) के रूप में हुई, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम था. वह कथित तौर पर हत्या और अन्य अपराधों में शामिल था.

मुठभेड़ में मारे गए अन्य लोगों की पहचान अशोक उर्फ ​​सुरेश पोरिया वड्डे (38) के रूप में हुई, जिस पर 2 लाख रुपये का इनाम था. वह 5 हत्याओं और 6 मुठभेड़ों सहित 17 अपराधों में शामिल था, 25 वर्षीय विज्यो उर्फ ​​विज्यो होयामी पर भी 2 लाख रुपये का इनाम था. पुलिस ने कहा कि वह 5 हत्याओं सहित 12 अपराधों से जुड़ा था और 21 वर्षीय करुणा उर्फ ​​ममिता उर्फ ​​तुनी पांडु वारसे पर 2 लाख रुपये का इनाम था और वह 2 हत्याओं सहित 9 अपराधों में शामिल था. संयुक्त माओवादी विरोधी अभियान का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) एम. रमेश ने किया, जिसमें डॉ. चेरिंग दोरजे (एडीजीपी, विशेष अभियान), संदीप पाटिल (आईजी, नक्सल विरोधी अभियान) और पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल सहित शीर्ष अधिकारियों का मार्गदर्शन था. 2021 से, गढ़चिरौली पुलिस ने 87 कट्टर माओवादियों को खत्म किया है, 124 को गिरफ्तार किया है और 63 अन्य को आत्मसमर्पण कराने में मदद की है. एसपी नीलोत्पल ने सी-60 कमांडो और सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी की प्रशंसा की और शेष माओवादियों से आत्मसमर्पण करने और समाज में पुनः शामिल होने का आग्रह किया.

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