Updated on: 18 July, 2025 11:10 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
महाराष्ट्र विधानमंडल में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के बीच विवाद चरम पर पहुँच गया, जब सीढ़ियों के पास हिंसक झड़प हुई. इस पर शिवसेना (UBT) नेता सुषमा अंधारे ने प्रतिक्रिया दी है.
X/Pics, Sushma Andhare
विधानभवन में मानसून सत्र के दौरान पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड और विधायक गोपीचंद पडळकर के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद राज्य की राजनीति गरमाई हुई है. यह विवाद गुरुवार शाम को एक नए मोड़ पर पहुँच गया जब विधानमंडल की लॉबी में, सीढ़ियों के पास, पडलकर के कार्यकर्ताओं और शरद पवार के समर्थकों के बीच तीव्र बहस और हाथापाई हुई. इस विवाद ने पूरे राज्य की राजनीति में हड़कंप मचाया.
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वाह क्या सीन है..
— SushmaTai Andhare (@andharesushama) July 17, 2025
सत्ताधाऱ्यांच्या आशीर्वादाने दिवसाढवळ्या सार्वजनिक ठिकाणी गुंडागर्दी करणाऱ्यांवर कारवाई झाली असती तर आजची नामुष्की टळली असती..!
देवेंद्रजी,सुसंस्कृत महाराष्ट्राची राजकीय संस्कृती ऱ्हास पावली यावर तुमच्या आशीर्वादाने शिक्कामोर्तब झाले.@Dev_Fadnavis #लज्जास्पद pic.twitter.com/iLgmHx11tW
शिवसेना यूबीटी पार्टी की नेता सुषमा अंधारे ने सोशल मीडिया पर इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, "जिस विधानमंडल ने बड़े-बड़े विद्वान और सुसंस्कृत नेताओं के भाषण सुने, आज वही विधानमंडल गुंडागर्दी तक पहुँच गया है." सुषमा अंधारे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति की गिरावट का स्पष्ट संकेत है. उनके अनुसार, विधानमंडल में हुए इस संघर्ष ने यह दिखा दिया है कि सत्ता और विपक्ष दोनों ही पक्षों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को नजरअंदाज किया है.
सुषमा अंधारे ने यह भी कहा कि इससे पहले भी, शंभूराज देसाई द्वारा सदन में माँ-बहन की गालियाँ दी गई थीं, और भाजपा की महिलाओं ने अश्लील भाषा का प्रयोग किया था, लेकिन इस बार की घटना ने विधानमंडल की गरिमा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार नाकाम है, और उनके नेतृत्व में राज्य की राजनीतिक संस्कृति और कानून-व्यवस्था का पतन हो चुका है.
शिवसेना नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस बात को लेकर ढीले हैं कि उन्हें किसी तरह की कार्रवाई का डर नहीं है. इसका परिणाम यह हुआ कि आज विधानसभा परिसर में हाथापाई हुई, जो महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति के लिए बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो महाराष्ट्र की राजनीति में और भी उथल-पुथल मच सकती है, जो राज्य के लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
विधानमंडल में हुई इस घटना ने साफ तौर पर यह दर्शाया कि राजनीति में असहमतियों का समाधान अब हिंसा और अशिष्टता के रूप में हो रहा है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहद चिंताजनक है. यह घटनाएँ बताती हैं कि नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी राजनीतिक प्राथमिकताओं के लिए जनता और राज्य की संस्थाओं का सम्मान करना भूल चुके हैं.
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