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शक्तिपीठ हाईवे के खिलाफ किसानों आक्रमक, 12 मार्च को विधानसभा तक निकली जाएगी विशाल रैली

Updated on: 21 February, 2025 09:13 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

लातूर जिले के किसान गजेन्द्र यालकर ने कहा कि सरकार को ऐसी परियोजनाएं लानी चाहिए जो सिंचाई और कृषि के लिए उपयोगी हों, न कि किसानों को उजाड़ने वाली.

विधायक सतेज पाटिल ने किसानों से 12 मार्च को विधानसभा तक होने वाले महापड़ाव में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की.

विधायक सतेज पाटिल ने किसानों से 12 मार्च को विधानसभा तक होने वाले महापड़ाव में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की.

महाराष्ट्र के शक्तिपीठ हाईवे को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है. इस परियोजना से 12 जिलों के हजारों किसान प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी कृषि भूमि खतरे में पड़ गई है. इसको लेकर किसानों ने अब सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. विधान परिषद में कांग्रेस के समूह नेता विधायक सतेज पाटिल ने घोषणा की है कि 12 मार्च को विधानसभा तक एक विशाल मार्च निकाला जाएगा, जिसमें किसान सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

शक्तिपीठ हाईवे को लेकर शाहू स्मारक भवन में राज्यव्यापी बैठक आयोजित की गई, जिसमें किसान संगठनों और नेताओं ने इस परियोजना का कड़ा विरोध किया. बैठक में विधायक सतेज पाटिल ने कहा, "सरकार का रवैया दोहरा है. कुछ मंत्रियों ने कोल्हापुर-पुरता राजमार्ग को रद्द करने की घोषणा की, लेकिन इसका कोई कानूनी आधार नहीं है. सरकार किसानों को गुमराह कर रही है."


उन्होंने सवाल किया कि जब गोवा के लिए पहले से एक वैकल्पिक सड़क मौजूद है, तो फिर इस हाईवे को क्यों थोपा जा रहा है? यह परियोजना 86,000 करोड़ रुपये की है, जिसमें प्रति किलोमीटर 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने इसे किसानों के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा कि इस लड़ाई को अदालत की बजाय सड़कों पर लड़ा जाएगा.


बैठक में मौजूद किसानों ने सरकार पर झूठे दावे करने और जबरन उनकी जमीन छीनने का आरोप लगाया. विरोध समिति के संयोजक गिरीश फोंडे ने कहा, "मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि इस परियोजना पर चर्चा हुई है, जबकि किसी भी विधायक से कोई बैठक नहीं हुई. सरकार किसानों की भूमि छीनने की साजिश कर रही है."

लातूर जिले के किसान गजेन्द्र यालकर ने कहा कि सरकार को ऐसी परियोजनाएं लानी चाहिए जो सिंचाई और कृषि के लिए उपयोगी हों, न कि किसानों को उजाड़ने वाली. सोलापुर जिले के किसान विजयकुमार पाटिल ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा, "हम सोलापुर से भी इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं, सरकार इसे जबरन लागू नहीं कर सकती."


परभणी के किसान शांतिभूषण कचवे ने कहा, "शक्तिपीठ हाईवे मत थोपीए, वरना किसानों में हाहाकार मच जाएगा." नांदेड़ के कचरू मुधल ने कहा, "अगर यह हाईवे बनाया गया तो हम अपने प्राण त्याग देंगे."

धाराशिवनगर के संभाजी फड़तारे ने सरकार से अपील करते हुए कहा, "हम अपने माता-पिता की आंखों में आंसू नहीं देख सकते. यह परियोजना तुरंत रद्द होनी चाहिए." सांगली, हिंगोली और अन्य जिलों के किसानों ने भी हाईवे को लेकर आक्रोश व्यक्त किया और सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन होगा.

विधानसभा तक महापड़ाव की तैयारी

विधायक सतेज पाटिल ने किसानों से 12 मार्च को विधानसभा तक होने वाले महापड़ाव में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी के नेता इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएंगे और सरकार को किसानों की ताकत दिखाएंगे. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने जिलों के विधायकों से समर्थन पत्र लें और सरकार पर दबाव बनाएं.

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