Updated on: 19 February, 2025 10:52 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया जीजीएच में हुई, जबकि 10 वर्षीय लड़के की मौत 10 दिन पहले श्रीकाकुलम के एक निजी मेडिकल कॉलेज में हुई थी.
प्रतीकात्मक छवि
स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव ने सोमवार को कहा कि पिछले 10 दिनों में आंध्र प्रदेश में एक 45 वर्षीय महिला और एक नाबालिग लड़के की मौत गुइलेन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) नामक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से हुई है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कमलाम्मा की मौत रविवार को गुंटूर के सरकारी जनरल अस्पताल (जीजीएच) में हुई, जबकि 10 वर्षीय लड़के की मौत 10 दिन पहले श्रीकाकुलम के एक निजी मेडिकल कॉलेज में हुई थी.
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रिपोर्ट के मुताबिक जीबीएस प्रकोप पर अपडेट साझा करते हुए यादव ने बताया, "अभी जीबीएस के 17 मामले हैं. यह एक गैर-संचारी रोग है, जिसकी घटना दर प्रति एक लाख आबादी पर दो तक है. यह मामलों में अचानक उछाल नहीं है, यह सामान्य है." यादव के अनुसार, 2024 में इस बीमारी के कुल 267 मामले सामने आए, जिनमें से 141 मामले साल की पहली छमाही में और 126 मामले दूसरी छमाही में सामने आए. मंत्री ने कहा कि औसतन हर महीने 25 मामले सामने आते हैं. इनमें से अधिकांश को नियमित उपचार से ठीक किया जा सकता है, जबकि कुछ गंभीर मामलों में इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन और आईसीयू में भर्ती की आवश्यकता होगी.
जीबीएस प्रकोप पर अपडेट साझा करते हुए एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र में गुलैन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की संख्या 207 तक पहुंच गई है. रिपोर्ट के अनुसार दो मामलों का पता चलने के बाद, पुष्ट मामलों की संख्या 180 हो गई है, जिनमें से 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. इस बीच, हालांकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या आठ पर अपरिवर्तित रही, लेकिन कोल्हापुर से बीमारी से एक संदिग्ध मौत की सूचना मिली.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चांगिड तहसील की 60 वर्षीय महिला की 13 फरवरी को मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया, "उसे निचले अंगों में लकवा मार गया था और उसे पहले चांगिड के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर पड़ोसी राज्य कर्नाटक ले जाया गया. उसे 11 फरवरी को कोल्हापुर के एक अस्पताल में वापस लाया गया, जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई." जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और/या बाहों में संवेदना का नुकसान और निगलने या सांस लेने में समस्या होती है.
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