Updated on: 19 August, 2025 08:12 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हिमाचल प्रदेश के मंत्री ने मंगलवार को कहा कि भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण राज्य को अब तक 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में बादल फटने के बाद क्षतिग्रस्त सड़क. तस्वीर/पीटीआई
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस मुद्दे पर बात की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मंत्री ने मंगलवार को कहा कि भूस्खलन, सड़क दुर्घटनाओं और अचानक आई बाढ़ के कारण राज्य को अब तक 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में भारी मानसूनी बारिश जारी है और बुनियादी ढाँचे, फसलों और जनजीवन को व्यापक नुकसान पहुँचा है. हालाँकि राज्य के कई हिस्सों में मानसून अभी भी सक्रिय है, लेकिन राहत के कोई संकेत नहीं हैं, लेकिन आगे की स्थिति और भी चिंताजनक लग रही है. हिमाचल प्रदेश के मंत्री ने अचानक आई बाढ़ पर टिप्पणी करते हुए कहा, "बारिश का दौर अभी थमा नहीं है; यह बिना किसी कमी के जारी है. कई जगहों पर मानसून ज़ोरदार तरीके से सक्रिय है. कल शिमला में भारी बारिश हुई, जिससे पेड़ गिर गए और बिजली आपूर्ति बाधित हुई. रामचंद्र चौक पर भारी भूस्खलन हुआ और कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना पड़ा. कुल्लू ज़िले में भी इसी तरह का भारी नुकसान हुआ है. अभी तक इन ताज़ा घटनाओं में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, लेकिन प्रभावित इलाकों में बाग़ीचों की फ़सलों को भारी नुकसान हुआ है".मंत्री ने अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान पर बताया कि राज्य भर में 365 सड़कें अवरुद्ध हैं, 80 बिजली योजनाएँ प्रभावित हुई हैं और लगभग 35 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हुई हैं.
कई वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे बड़े हिस्से में बिजली गुल हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मंत्री नेगी ने कहा, "सड़क दुर्घटनाओं, भूस्खलन या भारी बारिश के कारण, राज्य भर में कई लोगों की जान चली गई है. सरकारी संपत्ति और निजी व्यक्तियों को कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मानसून अभी भी सक्रिय है, इसलिए सभी जिला-स्तरीय अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और जहाँ भी कोई घटना घटित होने की सूचना मिले, तत्काल राहत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है."
दूसरी ओर, हाल ही में, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भूतनाथ पुल के पास सड़क का एक हिस्सा भी मंगलवार को भारी बारिश और ब्यास नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण क्षतिग्रस्त हो गया, जैसा कि समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और अवरुद्ध सड़कों को देखते हुए, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जारी एक आधिकारिक निर्देश के अनुसार, कुल्लू जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों को मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है. आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 और 34 (एम) के तहत उपायुक्त और डीडीएमए अध्यक्ष तोरुल एस. रवीश द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि खराब मौसम की स्थिति के बीच छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बंद करना आवश्यक था.
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