Updated on: 12 February, 2024 09:55 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने आश्वासन दिया था कि वह सभी राजनयिक चैनलों को जुटाएगा और उन्हें वापस लाने के लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था करेगा.
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भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ दिग्गजों को सोमवार को दोहा ने रिहा कर दिया है. नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद पहले मौत की सजा को विस्तारित जेल अवधि में बदल दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नौसेना के दिग्गजों के चिंतित परिजनों द्वारा उनकी रिहाई और उनकी मातृभूमि में सुरक्षित वापसी की गुहार के बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने आश्वासन दिया था कि वह सभी राजनयिक चैनलों को जुटाएगा और उन्हें वापस लाने के लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था करेगा.
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विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान के माध्यम से जानकारी दी कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत लौट चुके हैं. केंद्र सरकार ने अपने एक आधिकारिक बयान में फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "भारत सरकार दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.`` बताते चले कि आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है.
विदेश मंत्रालय ने अपने एक प्रेस बयान में कहा, इससे पहले, कतर की अदालत ने डहरा ग्लोबल मामले में पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों की मौत की सजा को कम कर दिया था. सज़ा को अब जेल की शर्तों में बदल दिया गया है. फैसले के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था, ``हमने दाहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं".
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि मामले में विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है और वह कतर में कानूनी टीम के साथ निकट संपर्क में है. विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, "विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है. हम अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं. कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी आज अपील अदालत में उपस्थित थे. परिवार के सदस्य. हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे."
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