Updated on: 17 October, 2024 02:30 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अण्णासाहेब पाटील आर्थिक मागास विकास निगम के सांगली कार्यालय के लिए स्वतंत्र जगह की मांग की गई है. प्रवक्ता संतोष पाटील और उनके प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर कार्यालय में एक बयान देकर यह अनुरोध किया.
प्रवक्ता संतोष पाटिल और उनके प्रतिनिधिमंडल ने सांगली कलेक्टर कार्यालय में जाकर निगम के लिए एक स्वतंत्र कार्यालय की मांग की.
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण और उनके आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षिक सुधारों के लिए काम कर रहे अण्णासाहेब पाटील आर्थिक मागास विकास निगम के सांगली कार्यालय को लेकर एक महत्वपूर्ण मांग उठाई गई है. प्रवक्ता संतोष पाटिल और उनके प्रतिनिधिमंडल ने सांगली कलेक्टर कार्यालय में जाकर निगम के लिए एक स्वतंत्र कार्यालय की मांग की. यह बयान तहसीलदार को सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि वर्तमान में निगम का कार्यालय जिला रोजगार, विकास, उद्यमिता और कौशल विभाग के साथ संचालित हो रहा है, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
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अण्णासाहेब पाटील आर्थिक मागास विकास निगम का उद्देश्य मराठा समुदाय के युवाओं को व्यवसाय और उद्यमिता में सहायता प्रदान करना है. इस संदर्भ में सांगली जिले के युवाओं को 800 करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया गया है, और 80 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया गया है. प्रतिदिन सैकड़ों युवा और नागरिक इस निगम से सहायता प्राप्त करने के लिए आते हैं, लेकिन कार्यालय के स्पष्ट स्थान की कमी के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
प्रतिनिधिमंडल ने विजयनगर स्थित प्रशासनिक भवन का दौरा किया और पाया कि वर्तमान में निगम का कार्यालय किसी और के कार्यालय में संचालित हो रहा है, जिससे लोगों को यह पता नहीं चलता कि वे किससे संपर्क करें. इससे मराठा समुदाय के युवाओं को लाभ प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, और निगम की योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है.
इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि अण्णासाहेब पाटील आर्थिक मागास विकास निगम के लिए एक स्वतंत्र और स्थायी कार्यालय प्रदान किया जाए. यह कदम मराठा समुदाय के युवाओं को उद्यमिता और व्यवसायिक गतिविधियों में प्रोत्साहन देने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण होगा.
इस प्रतिनिधिमंडल में शिवाजी लाड, विश्वास पाटिल, रोहित शिंदे, शिवाजी मोहिते और अन्य अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की और शीघ्र समाधान की मांग की.
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