Updated on: 08 October, 2024 11:50 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
बांद्रा ईस्ट की सरकारी कॉलोनी के निवासी अपने मकानों और भूखंडों पर मालिकाना हक प्राप्त करने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर हैं.
X/Pics, Aaditya Thackeray
बांद्रा ईस्ट की सरकारी कॉलोनी के निवासी पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, जिसका उद्देश्य अपने मकानों और भूखंडों पर मालिकाना हक प्राप्त करना है. इन निवासियों ने सी. क्वा. रे एसोसिएशन के तहत सरकार से अपने अधिकारों की मांग की है. महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एसोसिएशन के लिए भूखंड स्वीकृत किया था, जिससे निवासियों को उनके मकानों और प्लॉटों का मालिकाना हक मिल सके. हालांकि, राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद यह परियोजना, अन्य कई परियोजनाओं की तरह, रुक गई. शिंदे और बीजेपी गठबंधन सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई, जिससे निवासी निराश हो गए और उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी.
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आदित्य ठाकरे ने आज इस भूख हड़ताल स्थल का दौरा किया और निवासियों से मुलाकात की. उन्होंने निवासियों को आश्वासन दिया कि महाविकास अघाड़ी सरकार ने इस मामले में जो कदम उठाए थे, उन्हें फिर से लागू किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले दो वर्षों में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, और इसे लगातार नजरअंदाज किया गया है.
ठाकरे ने अनशनकारियों को आश्वासन दिया कि अगर आगामी चुनावों में उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो वे इस परियोजना को फिर से शुरू करेंगे और निवासियों को उनका न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे सरकार अब शायद कुछ घोषणा कर सकती है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उन्होंने इस मामले पर ध्यान नहीं दिया, जिससे निवासियों की परेशानी बढ़ती गई.
वांद्रे पूर्व येथील शासकीय वसाहतीच्या ग. क्वा. रे. असोसिएशनतर्फे रहिवाशांचे गेले चार दिवस मालकी हक्कासाठीचे घर, भूखंड मिळण्याकरिता आमरण उपोषण सुरू आहे. आज येथील उपोषणकर्त्यांची भेट घेतली.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) October 7, 2024
माझ्यासोबत शिवसेना व युवासेना सचिव वरुण सरदेसाई जी, विधानसभा संघटक सदा परब जी, माजी नगरसेवक… pic.twitter.com/OzBwfCyhCs
ठाकरे ने निवासियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार उनके हितों के लिए हमेशा खड़ी रहेगी. उनका यह आश्वासन निवासियों के लिए एक उम्मीद की किरण है कि जल्द ही उन्हें उनका हक मिलेगा.
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