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डोंबिवली में शिंदे गुट को लगा बड़ा झटका, दीपेश म्हात्रे समेत कई नेता ठाकरे गुट में शामिल
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Uddhav Thackeray: डोंबिवली में शिंदे गुट को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है. जब युवा सेना के राज्य सचिव और केडीएमसी के पूर्व अध्यक्ष दीपेश म्हात्रे ने 6 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना (उद्धव गुट) में शामिल होने का फैसला किया. मुंबई में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की उपस्थिति में दीपेश म्हात्रे ने अपने समर्थकों के साथ शिवसेना में वापसी की.
Updated on : 06 October, 2024 08:11 IST | Ujwala Dharpawar
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म्हात्रे का यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में शिंदे गुट के लिए एक बड़ा धक्का माना जा रहा है, क्योंकि उन्हें सांसद श्रीकांत शिंदे का करीबी सहयोगी समझा जाता था.
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दीपेश म्हात्रे के साथ उनके भाई जयेश म्हात्रे, जो कि पूर्व नगरसेवक रह चुके हैं, और पूर्व नगरसेविका रत्ना म्हात्रे समेत अन्य पांच पूर्व नगरसेवक भी ठाकरे गुट में शामिल हो गए हैं.
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इस राजनीतिक घटनाक्रम ने शिंदे गुट की अंदरूनी स्थिति को प्रभावित किया है, खासकर डोंबिवली क्षेत्र में, जो शिंदे गुट का मजबूत गढ़ माना जाता था.
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इस अवसर पर उद्धव ठाकरे ने एक भावुक भाषण दिया और सीधे शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे का महाराष्ट्र को बेचने का विचार कभी नहीं था.
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उद्धव ने कहा, "हम स्वाभिमान के साथ शिवसेना को आगे बढ़ा रहे हैं. बाला साहेब ने हमें सिखाया था कि अगर जीना है तो शेर की तरह जियो, न कि बकरी की तरह."
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उन्होंने शिंदे गुट पर बीजेपी की गुलामी करने का आरोप भी लगाया, और कहा कि शिवसेना की मूल विचारधारा और स्वाभिमान के साथ वे अपने रास्ते पर चल रहे हैं.
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यह घटनाक्रम आगामी विधानसभा चुनावों के लिए शिंदे गुट के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है. इसने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में नए समीकरण बना दिए हैं.
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महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर शिवसेना (UBT) ने तैयारी शुरू कर दी है, और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली यह पार्टी मुंबई में ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है.
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उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने मुंबई को अपनी राजनीतिक ताकत का केंद्र माना है, और इस बार भी वे इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.
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